हेमंत शर्मा, इंदौर। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सभी राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। लेकिन इंदौर में 108 एंबुलेंस सेवा का रियलिटी टेस्ट लल्लूराम.कॉम (lalluram.com) की टीम ने किया, जिसमें चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। वही मुरैना में पूर्व मंत्री कैलाश दंडोतिया को तीन घंटे बाद एंबुलेंस मिलने का मामला सामने आने के बाद लल्लूराम.कॉम की टीम ने इंदौर में 108 एंबुलेंस का रियलिटी टेस्ट किया। इस जांच में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई, जहां इमरजेंसी सेवाओं के दावे खोखले साबित हुए।
स्टाफ ने किया इनकार, अधिकारी से बात करने का दबाव
लल्लूराम.कॉम की टीम जब इंदौर के एक अस्पताल के सामने खड़ी 108 एंबुलेंस की हकीकत जांचने पहुंची, तो सबसे पहले एंबुलेंस में मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ ने जांच से इनकार कर दिया। स्टाफ ने कहा कि इस टेस्ट के लिए संबंधित अधिकारी से बात करें। जब अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी टेस्ट करने से रोका और कहा कि “आपको रियलिटी टेस्ट करने का अधिकार नहीं है।”
कैमरा घुमाते ही खुली पोल, ऑक्सीजन और दवाएं नदारद
अधिकारियों की मनाही के बावजूद जब टीम ने कैमरा घुमाया तो एंबुलेंस की वास्तविक स्थिति सामने आई। एंबुलेंस में न ऑक्सीजन थी, न इमरजेंसी में काम आने वाली दवाइयां। यहां तक कि पेन किलर भी उपलब्ध नहीं थे। यह स्थिति तब है जब ये एंबुलेंस इमरजेंसी सेवाओं के लिए तैनात हैं।
दूसरी एंबुलेंस में भी बदहाली, स्टाफ कैमरा देखकर भागा
लल्लूराम.कॉम की टीम ने जब दूसरी एंबुलेंस की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग का रुख किया, तो वहां खड़ी एंबुलेंस का स्टाफ कैमरा देखकर मौके से भाग गया। जांच करने पर पाया गया कि ऑक्सीजन सिलेंडर में गैस नहीं थी। सिलेंडर के साथ अटैच पाइप में पानी भी नहीं था, जो ऑक्सीजन के साथ मिलाया जाता है।
खराब टायर और पंचर स्टेपनी, जीवनरक्षक एंबुलेंस में सुरक्षा का अभाव
एंबुलेंस में रखी स्टेपनी पंचर थी और एंबुलेंस के चारों टायर भी खराब हालत में थे। इमरजेंसी में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का रखरखाव पूरी तरह से अनदेखा किया गया था।
जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज पर सवाल
108 एंबुलेंस सेवा का संचालन भोपाल की जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज द्वारा किया जाता है। लेकिन रियलिटी टेस्ट में साफ हुआ कि यह कंपनी करोड़ों रुपए का भुगतान लेकर भी एंबुलेंस का रखरखाव नहीं कर रही है। मरीजों की जान खतरे में डालकर ये कंपनी सिर्फ मुनाफा कमा रही है।
हाई अलर्ट पर इंदौर, आपातकाल में खतरे में जान
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते इंदौर हाई अलर्ट पर है। ऐसी स्थिति में एंबुलेंस की यह हालत चिंताजनक है। आपातकालीन स्थिति में मरीजों की जान बचाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी और जवाबदेही का सवाल
लल्लूराम.कॉम की टीम के रियलिटी टेस्ट के बाद सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग और जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज के बीच हुई करोड़ों की डील का फायदा किसे मिल रहा है? जनता को इमरजेंसी सेवाएं मिलनी चाहिए या भ्रष्टाचार का खेल चलना चाहिए? इस पूरे मामले में इंदौर सीएमएचओ से जब बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले में जांच करने की बात कही है। जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

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