रायपुर. भाजपा ने कांकेर लोकसभा के सिटिंग सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग को मैदान में उतारा है. टिकट कटने से मंडावी नाराज हैं. लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में मोहन मंडावी ने कहा, कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र किया है. BJP टिकट वितरण की उच्चस्तरीय जांच हो. पार्टी कहे तो आज मैं त्यागपत्र भी दे दूंगा. पार्टी की छवि खराब हो रही है तो मुझे हटाएं. मेरे काम की तारीफ PM मोदी और नड्डा भी किए हैं. मैंने कांकेर में धर्मांतरण के खिलाफ लड़ाई लड़ी. संसद में मेरी सबसे ज्यादा उपस्थिति रही और प्रश्न भी पूछा है.

सांसद मंडावी ने कहा, मैंने 53 हजार रामायण बंटवाए. क्षेत्र में मेरी पहचान रामायणी की है. अब मेरा समाज कह रहा है- और करो रामायणी. मैं बहुत दुखी महसूस कर रहा हूं. पार्टी के लिए हमेशा समर्पित भाव से करूंगा काम. उन्होंने टिकिट कटने पर बीजेपी के बड़े नेताओं से जांच की मांग की है.

मोहन मंडावी ने बातचीत करते हुए कहा, हमने इस क्षेत्र में इतना काम किया है. खेल के क्षेत्र में हो, मेडिकल कॉलेज में हो, एकलव्य स्कूल हो, पुल पुलिया हो हर क्षेत्र में काम किया है. इसके बाद भी टिकट काटना मेरे लिए दुख की बात है. मैं एक ट्रैवल क्षेत्र से आता हूं, मैंने बचपन से कितना त्याग किया है. मैं बीड़ी, तंबाकू गांजा, नहीं पिया. मैं राम के प्रति समर्पित था. राम का उपासक था और जगह-जगह धर्मांतरण के खिलाफ जब बाइबल बटती थी तो मैं रामायण बांटता था. 2002 से लगातार हम 48,000 रामायण बांटे थे और 17 तारीख को हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. रमन सिंह के आशीर्वाद से गुंडरदेही में 17 जनवरी को 31 हजार रामायण बटवाए, जिसमें 30,000 से ज्यादा लोग थे और सब लोग कहते थे कि इनका टिकट नहीं कटेगा.

मंडावी ने कहा राम मंदिर बनने से पहले हमने रामायण बांटा था. मेरे घर में को लेकर कहते थे कि मुझे टिकट मिलेगा. मैं रात दिन दौड़ा करता था. लोगों से मिलता था. मेरे कार्यों से प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री कायल थे. प्रधानमंत्री जब भी मिलते थे मुझे बोलते थे कि मुझे तुम्हारी रामायण सुनना है. नड्डा जी बोलते थे मोहन तुम्हारा जो काम है मुझे बहुत अच्छा लगा. मुझे लगता था कि राम मंदिर बना है तो मुझे पुरस्कृत करेंगे, लेकिन यहां टिकट काट दिया गया. यह बड़े कष्ट की बात है.

उन्होंने कहा, मेरे जैसा आदिवासी भारत में भी नहीं होगा. मुझे विश्व में अमेरिका में बुलाया गया. मैं लोकगीत का गायक हूं. हारमोनियम, बैंजो बनाता हूं. वाद्य बजाता हूं. मेरे राम काज के बिना कोई काम नहीं होता. मेरा संदेश मीडिया के माध्यम से आला नेताओं तक जा रहा है. अब मुझे किसी से कुछ नहीं कहना. कहीं मुझे कोई गलती हुई होगी.? भगवान से भी गलती होती है. मुझे टिकट मिलेगा ऐसा सभी बोलते थे. अब मेरे ही समाज के लोग बोलते हैं और रामायण पढ़ो तो मुझे बड़ा दुख लगता है. कल के दिन मेरे समाज के लोग मुझसे कैसे जुड़ेंगे. मैं प्रधानमंत्री से निवेदन करता हूं कि मेरा टिकट काट दिया गया. मुझे भविष्य में भी भले ही ना मिले, लेकिन इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. अच्छे काम करने वाले आदिवासियों के ऊपर कूटरचना ना हो.

भोजराज नाग को टिकट मिलने के सवाल पर मोहन मंडावी ने कहा कि टिकट मिलने के बाद वह मेरे पास आए. मैंने स्वीकार किया. मैंने उनसे कहा है कि आप बहुत बढ़िया काम करो. हम भी आपके लिए काम करेंगे. मेरे से अच्छा समझ कर आपको पार्टी ने टिकट दिया है. मेरे रास्ता आगे बढ़ाना और जिस तरह भी मैंने बोला है और मैं हमारे केंद्रीय मंत्रिमंडल से सभी के पास में रामायण पहुंचाया है. ओम बिरला ने सदन में भी रामायण रखवाया हूं. भले हमारे खिलाफ जो भी कुछ करे पर पार्टी के लिए काम करना है. एक बार मैं फिर कहता हूं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री एक बार फिर जांच कराएं. कुटरचित में अगर सही पाया गया तो मैं धन्यवाद दूंगा.

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