रायपुर- जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित मोहमेला सिरपुर बैराज के 176 करोड़ रुपये के टेंडर खोलने में भारी अनियमितता के आरोप लग रहें हैं.ये आरोप हम नहीं,बल्कि राज्य शासन में संसदीय सचिव पद पर काम कर रहे मोतीराम चंद्रवंशी ने लगाया है.चंद्रवंशी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की है कि टेंडर में ठेकेदारों द्वारा गलत जानकारी देकर निविदा हासिल करने की कोशिश की जा रही है.उन्होनें दो ठेकेदारों के खिलाफ नामजद शिकायत की है कि सुनील अग्रवाल और राधेश्याम अग्रवाल ने जो कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र में ऑपरेशन एवं मेंटिनेंस सहित प्रमाण पत्र टेंडर में प्रस्तुत किया है,वह गलत है.
अपने शिकायत में मोतीराम चंद्रवंशी ने कहा है कि जिस कार्य का कार्य पूर्णता प्रस्तुत किया गया है,उस कार्य के टेंडर दस्तावेज में कहीं भी कंडीशन में ऑपरेशन एवं मेटिनेंस करने की शर्त ही नहीं है,ऐसे में सवाल उठता है कि ठेकेदार ने बिना शर्त के ऑपरेशन एवं मेंटिनेंस का काम कैसे कर दिया? मोतीराम चंद्रवंशी ने आरोप लगाया है कि दोनों ठेकेदारों ने कार्यपालन अभियंता से सांठगांठ करके गलत कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है.उन्होनें फर्जी सर्टिफिकेट लगाने वाले दोनों ठेकेदारों और इसे जारी करने वाले कार्यपालन अभियंता के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है.
मोतीराम चंद्रवंशी द्वारा लगाये गये आरोप की लल्लूराम डॉट कॉम ने भी पड़ताल की.इस संबंध में आरटीआई से मिले दस्तावेजों से यह साफ है कि जिन कार्यों के लिये राधेश्याम अग्रवाल और सुनील अग्रवाल को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है,उसमें ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस करने का जिक्र ही नहीं है.बावजूद इसके संबंधित कार्यपालन अभियंताओं ने इन्हें ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस करने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया और इसी सर्टिफिकेट के आधार पर राधेश्याम अग्रवाल के नाम पर 176 करोड़ रुपये का यह टेंडर खोल दिया गया है.इस बारे में जब हमने जलसंसाधन विभाग के ईएनसी एच.आर.कुटारे से बात की तो उन्होनें स्वीकार किया कि जिस काम के लिेय कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है,उसमें ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस की शर्त सीधे तौर पर नहीं थी,लेकिन उन्होनें आगे कहा कि टेंडर की शर्त में अप्रत्यक्ष रुप से ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस करने का जिक्र था और दोनों ही ठेकेदारों ने इसी आधार पर ऑपरेशन एवं मेंटिनेंस का काम किया.दोनों ठेकेदारों द्वारा किये गये इसी काम के आधार पर इन्हें ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस संबंधी प्रमाण पत्र विभाग द्वारा जारी किये गयें हैं.
ईएनसी के जवाब से जब हमें संतुष्टि नहीं मिली,तो हमने इस पूरे मामले पर जलसंसाधन विभाग के सचिव सोनमणि बोरा से बातचीत की. उन्होनें तुरंत इस मामले को संज्ञान में लेते हुए ईएनसी एच.आर.कुटारे और मुख्य अभियंता संजय भागवत से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.उन्होनें लल्लूराम डॉट कॉम को आश्वस्त किया कि प्रमाणपत्र जारी करने में किसी भी तरह की लापरवाही पाई गई,तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.अब देखना होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में क्या स्पष्टीकरण देतें हैं.