प्रतीक चौहान. रायपुर. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पितृत्व अवकाश मांगे जाने का एक मामला सामने आया है. लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल में ये खुलासा हुआ कि राजधानी रायपुर के खोखोपारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल स्पेशियालिस्ट डॉ. रवि एस शुक्ला (एमबीबीएस, एमडी) ने 15 दिनों के लिए पितृत्व अवकाश का आवेदन किया. इस आवेदन के साथ उन्होंने अपनी पत्नी के आशीर्वाद अस्पताल में भर्ती होने, डिस्चार्ज होने, नगर निगम से बने बर्थ सर्टिफिकेट की कॉपी संलग्न की.
लेकिन हैरानी की बात ये है कि इसमें लिखी हुई तारीख और उनकी पत्नी के फेसबुक में पोस्ट की गई तस्वीर (हॉस्पिटल की डिलीवरी के दौरान की) तारीख दोनों अलग-अलग है. लल्लूराम डॉट कॉम के पास उनकी पत्नी द्वारा पोस्ट किए गए तस्वीरों की फोटो तारीख के साथ मौजूद हैं, जो उन्होंने वर्तमान में डिलीट कर दी है. इस संबंध में जब पूरी सत्यता जानने के लिए लल्लूराम डॉट कॉम के पत्रकार ने डॉ रवि शुक्ला को फोन किया तो वो गुस्से से तमतमा गए और उन्होंने पूरी बातचीत रिकार्ड करने की बात करते हुए ये कहा कि लल्लूराम के पत्रकार ने उनकी बेटी के निजी जानकारी मांगी हैं, इसलिए वे चाइल्ड एक्ट के तहत इस पूरे मामले की शिकायत कराएंगे और पुरानी बस्ती थाने में भी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. इसके बाद उन्होंने पत्रकार को मिलने के लिए अपने घर बुलाया और दस्तावेज दिखाने की बात कही.
नहीं दिया कोई ऑफिशियल बयान
डॉ रवि शुक्ला ने पत्रकार को डीडी नगर स्थित अपने घर बुलाया. उन्होंने पत्रकार को अपने पास मौजूद दस्तावेज दिखाए, लेकिन उनकी फोटो खींचने नहीं दी. जो दस्तावेज पत्रकार ने देखे उसके मुताबिक उसमें डॉ शुक्ला की पत्नी 5 अप्रैल 2023 को आशीर्वाद हॉस्पिटल में भर्ती हुई और डॉ नलीनी मढ़रिया ने उनकी पत्नी की डिलीवरी कराई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग में छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया गया था, उसमें 5 अप्रैल 2023 नहीं बल्कि 5 सितंबर 2023 के दस्तावेज संलग्न है. लल्लूराम डॉट कॉम के पास स्वास्थ्य विभाग शहरी खंड चिकित्सा अधिकारी दक्षिण, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोखोपारा, पुरानी बस्ती (रायपुर) के हस्ताक्षर किया हुआ वो पत्र भी मौजूद है, जिसमें इस बात का जिक्र है, कि उन्होंने जो आवेदन दिया उसमें 5 सितंबर 2023 के जन्म तिथी दर्ज है.
वहीं खोखोपारा की बीएमओ डॉ स्मृति देवांगन से भी इस मामले में लल्लूराम डॉट कॉम ने उनका पक्ष लिया. तो उनका कहना था कि डॉ रवि शुक्ला के छुट्टी का आवेदन आया था, नियमों के मुताबिक उन्होंने इसे अपने उच्च अधिकारियों को भेज दिया है और उनकी छुट्टी स्वीकृत नहीं हुई है, लेकिन वे 15 दिनों की अनाधिकृत छुट्टी पर थे, जिसका अटेंडेंस रजिस्टर भी लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद है.
आपके पास क्या डाक्यूमेंट है वो मुझे नहीं पता… मैं व्यक्तिगत जानकारी नहीं दे सकता. आपके पास जो डॉक्यूमेंट है आप उसकी सत्यता प्रूफ करिए. नहीं तो मैं आपके खिलाफ (लल्लूराम के पत्रकार) चाइल्ड वेलफेयर एक्ट और पुरानी बस्ती थाने में एफआईआर दर्ज कराऊंगा.
डॉ रवि शुक्ला, एमबीबीएस, एमडी
नोटः उपरोक्त वर्जन लल्लूराम ने डॉ रवि शुक्ला के मोबाइल नंबर पर भेजा. ये वर्जन रविवार 31 मार्च 2024 को 11 बजे हुई बातचीत के आधार पर लिखा गया है. उन्हें ये वर्जन भेजने के बाद लल्लूराम ने ये पुन: उनसे निवेदन किया कि वे अपना पक्ष बताएं. तो वो तमतमा गए, और कहने लगे कि लल्लूराम फर्जी दस्तावेज के आधार पर खबर बना रहा है. उन्होंने बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ऐसी गिरी हुई पत्रकारिता, उक्त पत्रकार कर रहा है, इसे वे अपने फेसबुक में लिखें. यहां ये बताना भी जरूरी है कि डॉ रवि शुक्ला की डिग्री को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे है. सूत्रों का दावा है कि डीएचएस पीजी बॉंड को लेकर उन्हें ढ़ुंढ़ रहे है, एक पत्र में वे अनुपस्थित है. उक्त पत्र में डीएचएस ने आदेश दिनांक 23-08-2021 वर्ष 2021 का जिक्र है. उक्त आदेश के मुताबिक उनकी पदस्थापना शासकीय चिकित्सा महाविद्याल, कांकेर में है. इस पूरे मामले को डॉक्टरों के सीजीपीएससी की भर्ती को लेकर सवाल खड़े हो रहे है, जिसकी पूरी पड़ताल लल्लूराम ने जारी रखी है.