प्रतीक चौहान. रायपुर. हां… सही पढ़ा आपने, कि ये रायपुर के पटवारी हैं साहब! चढ़ावा चढ़ाइये, ये कलेक्टर का काम भी खुद ही कर देंगे.
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ये बात हम ऐसे ही हवा में नहीं कह रहे है. दरअसल राजधानी रायपुर की सबसे पॉश कॉलोनी शंकर नगर इलाके में एक बड़े बिल्डर को प्लाटिंग करनी थी. इसके लिए ऑन लाइन नक्शे में रोड़-रास्ता दर्शाना था. फिर क्या था तत्कालीन पटवारी विरेंद्र झा ने जो काम कलेक्टर के क्षेत्राधिकार में है वो खुद ही कर दिया. (इस पटवारी या अन्य किसी काले कारनामों की कोई जानकारी आपके पास हैं तो आप लल्लूराम डॉट कॉम से शेयर कर सकते है. आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा. संपर्क-9329111133)
अब जब पटवारी नियमों के मुताबिक बिना रिश्वत लिए बी-1 की कॉपी नहीं देते तो भला बिल्डर के लिए इतना बड़ा काम बिना चढ़ावे के किए हो ये तो संभव नहीं है.
लेकिन बावजूद इसके तहसीलदार पटवारी पर मेहरबान नजर आ रहे है. सूत्र बताते है कि तहसीलदार ने पटवारी द्वारा किए गए काम को अनाधिकृत और पटवारी की करतूतों पर चिंता तो व्यक्त की और जांच के आदेश भी दिए, लेकिन उन्होंने कोई कार्ऱवाई नहीं की.
जबकि उन्होंने पटवारी को नोटिस जारी करने वाले दस्तावेजों में हस्ताक्षर किए थे, लेकिन देरशाम दस्तावेज में हस्ताक्षर करने के बाद उसे चुप-चाप साइड कर दिया गया.
बता दें कि उक्त पटवारी अभी वर्तमान में कचना पटवारी के पद पर पदस्थ है. सूत्रों का दावा है कि पटवारी ने 7 अंकों वाली एक मुश्त चढ़ावे की रकम वहां प्लाटिंग करने वाले बिल्डर से ली थी. लेकिन जब तक कोई ठोस प्रमाण न हो तब तक इसकी पुष्टि लल्लूराम डॉट कॉम नहीं करता है.
6 दिन के लिए गायब हो गए थे पटवारी ?
सूत्रों से ये भी अपुष्ट जानकारी मिली है कि 5-6 महीने पहले जमीनों के दस्तावेजों की ऐसी ही गड़बड़ी करने के कारण पटवारी 6 दिनों तक गायब थे. लेकिन बाद में इस मामले में कुछ डील हुई, जिसके बाद उन्हें वे वापस लौटें. इतना ही नहीं सुंदर नगर इलाके में पटवारी का नया आलीशान घर भी चर्चा का विषय तहसील दफ्तर में है. इनके मित्र उक्त घर की कीमत करीब 3 करोड़ रुपए आंक रहे है.