सत्ता की बागडोर संभालने के बाद से ही भूपेश सरकार पूरे एक्शन में है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के फौरन बाद किसानों की कर्जमाफी, 2500 रूपए में धान खरीदी और झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किए जाने जैसे बड़े फैसले लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुर्खियों में है. इस बीच ही उनके एक ताजा बयान ने प्रशासनिक महकमे में भी संदेश देने की कोशिश की है. बघेल ने दो टूक कहा है कि राजनेता जब कमजोर होते हैं, तब अधिकारी मजबूत हो जाते हैं. यहां जो अधिकारी है, उन्हें हावी होने नहीं दिया जाएगा. जो इमानदारी से काम कर रहे हैं, उन्हें पूरा संरक्षण मिलेगा. जो बेइमान और भ्रष्ट हैं, उन पर अंकुश लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि- सुपर सीएम रहे एक अधिकारी समेत कुछ और अधिकारी छत्तीसगढ़ को लूट कर भाग गए हैं. ऐसे लोगों को भी बख्शा नहीं जाएगा. जिन्होंने छत्तीसगढ़ को खोखला किया है, भय और आतंक का वातावरण बनाने की कोशिश की है, उन सबके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. शपथ ग्रहण के बाद भूपेश बघेल ने अपने पहले औपचारिक इंटरव्यू में lalluram.com से और भी मुद्दों पर खुलकर बातें की है. पढ़िए विस्तृत इंटरव्यू-
रिपोर्टर– जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे, उन्होंने एक बयान दिया था कि आखिरी गेंद में हम छक्का मारेंगे, वो छक्का नहीं जड़ पाए, लेकिन जब से आप आए हैं छक्के पर छक्के मारते जा रहे हैं. शपथ ग्रहण के बाद दो घंटे के भीतर ही घोषणा पत्र के बड़े वादे आपने पूरा कर दिया है. अब आगे क्या होगा ?
सीएम भूपेश बघेल- पहली बात जो रमन सिंह ने कहा था कि आखिरी गेंद पर छक्का मारूंगा, उस समय भी मैंने कहा था कि उनकी अब उम्र नहीं रही. आप हिट विकेट हो जाएंगे और हुआ भी. जनता से जुड़कर संगठन के माध्यम से जो लड़ाईयां हमने लड़ी हैं. उनकी वजह से किसान, आदिवासी, अनुसूचित जाति,नौजवान, व्यापारी सबका विश्वास हमने अर्जित किया है. हम लोगों को शुरू से लगता था कि इस बार कांग्रेस की स्पष्ट बहुमत आएगी. हम सरकार बनाने में सफल होंगे, चाहे वो कितना भी गड़बड़ी कर लें. लेकिन उसके बाद भी हम सरकार बना लेंगे. इस टारगेट को लेकर हम 2014 से ही लेकर चले. आज मेरे अध्यक्ष कार्यकाल के 5 साल भी पूरे हो रहे हैं. इन पांच वर्षों में हम जो टारगेट लेकर चले तो उसमें बहुत सारे हमारे साथी जो राजनीति में है जो राजनीति में नहीं वो सब लोग मिलकर काम करते रहे. इसलिए हम लोगों को विश्वास था कि पार्टी में बजट रहे या ना रहे, कार्यकर्ताओं का फौज हमने हर बूथ पर खड़ा किया. और उसके कारण ये सफलता मिली है. हम लोग चुनाव के बाद साथियों के साथ लिस्ट लेके बैठते थे कितने विधायक जीतकर आएंगे. हम लोग कितना भी कटौती करते थे 60 के नीचे जाता भी नहीं था. इसलिए मैंने गणना के पहले कहा था कि दो तिहाई बहुमत से हम जीतेंगे. और छत्तीसगढ़ की जनता ने तीन चौथाई बहुमत हमको दिया है. ये जनता का आशीर्वाद है.
रिपोर्टर– घोषणा पत्र में बहुत सारी बातें है लेकिन देखें तो जो आपने कल कर्ज माफी का ऐलान किया. इसके बावजूद हम देंखे तो करीब 20 हजार करोड़ रुपए की जरुरत पड़ेगी. और केंद्र में मोदी सरकार है. माना ये जाता है कि बिहार, आंध्र प्रदेश में कहीं न कहीं विवाद की वजह रही कि आखिर में जो पैसे राज्यों को चाहिए उतने पैसे नहीं मिले हैं, इस चुनौती को कैसे पार करेंगे.
सीएम भूपेश बघेल- जैसे ही हमने मंत्री पद की शपथ ली, हमने तमाम राष्ट्रीय नेताओं को, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, शरद यादव, जम्मू कश्मीर के फारूख अब्दुला तमाम नेता आए थे. उनको एयरपोर्ट पर विदा किया. उसके बाद हम लोग मंत्रालय गए. मेरे साथ दोनों मंत्री थे. हम तीनों ने अधिकारियों के साथ बैठक की. घंटेभर के भीतर ऋण माफी का निर्णय लिया और 25 सौ रुपए धान खरीदी का भी निर्णय लिया. धान खरीदी के मामले में अभी किसानों को 3 सौ रुपए प्रोत्साहन राशि मिल रही है. जो 450 रुपए और देना है, जिसे मिलाकर 25 सौ रुपए होगा. उसको हम बजट में लाएंगे और उसको किसानों को वितरित करेंगे, लेकिन तत्काल प्रभाव से ऋण माफी हमने कर दिया है. जितने भी किसान भाई धान बेच चुके हैं उसको भी हम 25 सौ रुपए का भुगतान करेंगे. हमने दो बड़े फैसले किसानों के हक में लिए हैं, और तीसरा जो फैसला है वो न्याय के लिए है. झीरम घाटी में जो हमारे नेता शहीद हुए थे उनके लिए है. नंदकुमार पटेल ने जो परिवर्तन यात्रा निकाली थी. और ये परिवर्तन यात्रा अधूरी रह गई थी. ये जीत भी हम शहीदों को समर्पित किया है. विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, योगेंद्र शर्मा, उदय मुद्लियार सबको सर्पित किया है. अभी तक न उनको न्याय मिला, न प्रदेश को न्याय मिला है और न ही उनके परिवार को न्याय मिला है. क्योंकि ऐसी घटना कभी नहीं हुई थी. राजनेताओं का नरसंहार भारतीय राजनीति में मैंने कभी नहीं सुना. लेकिन विश्व राजनीति में भी ऐसी घटनाएं हुई होगी इसकी मुझे जानकारी नहीं है. उसके लिए भी एसआईटी गठित करने का निर्णय हमने लिया है. ये तीन फैसले हमने लिए हैं.
रिपोर्टर- केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. कहा ये भी जाता है कि पैसे लेना मनमोहन सरकार में आसान था, लेकिन मोदी सरकार से पैसे लेना कठिन हो गया है?
सीएम भूपेश बघेल- मोदी जी की चला चली की बेला है. 2019 का जो चुनाव है वो सामने है. सवाल राज्य सरकार और केंद्र सरकार के जो अधिकार का है, उसमें अगर कोई कटौती करने की कोशिश करेगा, मैं नहीं कहता कि हम लड़ाई करेंगे, हम लड़ाई के पक्ष में नहीं है. हम अपना अधिकार मांगेंगे और आवश्यकता पड़ेगी तो हम लड़ाई भी लड़ेंगे.
रिपोर्टर- नरुवा, गरवा, घुरुवा और बारी ये आपका विजन था, इसको किस तरह से लागू किया जाएगा ?
सीएम भूपेश बघेल– पूरी दुनिया में वैश्विक अर्थव्यवस्था चल रही है. ये जो नारा है छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है. छत्तीसगढ़ को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल बनाना चाहते हैं. और इसमें नाला के पानी को खेत में लाने का, जो मवेशी है उसके चारे का व्यवस्था करने का, जो घुरवा की बात है वो कपोस्ट खाद बनाकर खेत में पहुंचाएंगे. इससे कृषि लागत में कमी आएगी और उत्पादन बढ़ेगी वहीं रोजगार में भी वृद्धि होगा. ये हमारा उद्देश्य है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत और सक्षम बनाना है. छत्तीसगढ़ का जो पुराना ताना बाना है उसे पुनर्जीवित ही नहीं समृद्ध भी करना है.
रिपोर्टर- कई योजनाएं हैं जो पिछली सरकार की चल रही है. उन योजनाओं का क्या होगा. लोगों के मन में ये भी सवाल है?
सीएम भूपेश बघेल– पिछली सरकार में जो भी अच्छी योजनाएं हैं. उसकी पहले समीक्षा करेंगे. अगर वह अच्छी योजनाएं हैं तो स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है. अच्छी योजनाओं को खत्म नहीं किया जाएगा. जो लोगों के हित में है उन योजनाओं को जारी रखेंगे. लेकिन उसकी समीक्षा करेंगे कि कौन-कौन से कार्य अच्छे से चल रहे हैं.
रिपोर्टर-विपक्ष में जब आप थे तो एक बात शिद्दत के साथ कहते थे कि प्रदेश में प्रशासनिक आतंकवाद है. आपके आने से प्रशासनिक तंत्र में जनता किस तरह बदलाव की अपेक्षा करेगी?
सीएम भूपेश बघेल- राजनेता जब कमजोर होते हैं तो अधिकारी मजबूत हो जाते हैं. यहां जो अधिकारी हैं उन्हें हावी होने नहीं दिया जाएगा. जो ईमानदारी और अच्छे से काम कर रहे हैं उन्हें पूरा संरक्षण मिलेगा. जो बेईमान है, भ्रष्ट है उस पर अंकुश लगाया जाएगा. और कुछ अधिकारी छोड़कर भाग भी गए हैं. चाहे सुपर सीएम की बात करें, चाहे आबकारी विभाग की बात करें, बहुत सारे अधिकारी छोड़कर भाग रहे हैं. यहां छत्तीसगढ़ को लूट कर भागे हैं उनको बख्शा भी नहीं जाएगा.
रिपोर्टर- इनकी भी जांच होगी?
सीएम भूपेश बघेल- निश्चित रूप से होगी, जो छत्तीसगढ़ को खोखला किए हैं. छत्तीसगढ़ में जो भय और आतंक का वातावरण बनाएं हैं उन सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्टर-पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भी कई आरोप हैं. अजीत जोगी की जाति मामले में काफी समय से केस पेंडिंग है. इस पर आप क्या कार्रवाई करेंगे?
सीएम भूपेश बघेल- बदले की भावना से किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी. सब को आश्वस्त करता हूं लेकिन विधि सम्मत जो कार्रवाई है उसमें हम आड़े नहीं आएंगे. जो भी कार्रवाई होगी वो न्याय के साथ किया जाएगा.
रिपोर्टर– प्रदेश में नक्सलवाद एक समस्या है. 15 साल के भारतीय जनता पार्टी की सरकार में नक्सलवाद को कम करने के दावे किए गए लेकिन वह कम नहीं हुआ और बढ़ते गया. इस पर आपकी सरकार क्या करेंगी, इस पर आपकी सरकार क्या कदम उठाएगी ?
सीएम भूपेश बघेल-ऐसी कोई समस्या नहीं है जो हल नहीं हो सकता है. लेकिन सवाल इस बात का है कि सभी वर्ग से बातचीत करके और ठोस रणनीति बनाकर आगे बढ़ना चाहिए. ये केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है. बंदूक की नोंक से इसे नहीं सुलझाया जा सकता. इसमें जो पीड़ित पक्ष हैं जो वहां रहते हैं. चाहे वो पुलिस का, नक्सलियों का आतंक झेल रहे हैं. उससे भी बता करनी होगी, उन जवानों से बात करनी पड़ेगी जो बरसों से वहां रह रहे हैं. व्यापारियों से बात करनी होगी, सामाजिक लोगों से बात करनी होगी. बुद्धिजीवियों से बात करनी होगी, जो पत्रकार है काफी लंबे समय से पत्रकारिता कर रहे हैं. बहुत करीब से इन सबको देख रहे हैं, इन सब से चर्चा करके समस्या का हल करेंगे, एक दो दिन में इस समस्या का हल नहीं होगा. हम सब को मिल-जुलकर इस समस्या का हल ढूंढना होगा.
रिपोर्टर– माइनिंग को लेकर आपने काफी लड़ाई लड़ी है तो माइनिंग को लेकर आपकी क्या नीति रहेगी?
सीएम भूपेश बघेल– माइनिंग करने के लिए वहां के लोगों से अधिकार छीने गए हैं. जिनको मुआवजा देना है, चार गुना देना है उनको क्यों नहीं मिलना चाहिए. यदि जंगल है जिसे काटा जा रहा है उतना ही काटा जाना चाहिए जितना जरूरत है. इसके लिए भी कानून बना हुआ है. कानून का पालन करते हुए ही कोई काम किया जाए.
रिपोर्टर– आपके ऊपर जिम्मेदारी थी कि आप कांग्रेस को बहुमत में लाए. 15 सालों से यहां सूखा पड़ा हुआ था. अब सूखा खत्म हो चुकी है, आप प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. लोकसभा चुनाव में बहुमत लाने की जिम्मेदारी किसे देंगे?
सीएम भूपेश बघेल- मुझे बहुमत लाने की जिम्मेदारी मिली थी, सब साथियों के साथ मिलकर हम तीन चौथाई बहुमत ले आए. अब संगठन का दायित्व किसी और को मिलना चाहिए ऐसी मेरी राय है. राष्ट्रीय अध्यक्ष से आग्रह भी करूंगा कि किसी और व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी दी जाए. जो भी साथी अध्यक्ष बनेंगे हम सब मिलकर लक्ष्य को हासिल करेंगे. हम छत्तीसगढ़ के लोकसभा की सभी 11 में से 11 सीटें जीतेंगे यही हमारा लक्ष्य है.
रिपोर्टर- छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करने में आपसे भी राय ली जाएगी?
सीएम भूपेश बघेल– ये तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का मामला है इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होता. जब मुझे बनाए थे तो किससे पूछे वो वही (राहुल गांधी) जानते हैं. जिससे राय शुमारी लेना है वो लेंगे. लेकिन जब मुझे मेरे बारे में जानकारी नहीं थी. मुझे फोन करके सूचना दी थी. अगर दूसरे को बनाया जाता है तो मैं अपेक्षा क्यों करूं की मुझसे पूछा जाए.