रायपुर. लल्लूराम डॉट कॉम की बातचीत में पीड़ित टीआई ने कहा कि होली की रात विधायक राजू सिंह क्षत्री और उसके गुंडे मुझे जान से मारने जगह-जगह ढूंढ रहे थे. यदि उस रात मैं दिख जाता तो विधायक मुझे जान से मार देता. कई बार विधायक और उसके 25-30 गुंडों ने मेरी कई जगह खोजबीन की है. मैं अपने सूत्रों से इसकी जानकारी ले रहा था. विधायक राजू सिंह क्षत्री मझे पदस्थापना के समय से ही परेशान करता आया है. कई बार अपने कार्यकर्ता होने के नाम पर अपराधियों को तत्काल छोड़ने की बात कहता आया है. होली के दिन भी ऐसे ही परिस्थितियां निर्मित हुई.
होटल में विधायक के कुछ कार्यकर्ता शराब पीने के नाम पर होटल संचालक से तू-तू – मैं-मैं करने लगे. इसकी सूचना मिलते ही पेट्रोलिंग टीम को रवाना किया गया. पेट्रोलिंग टीम ने आरोपियों के खिलाफ धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने के लिए उनको थाने में बिठा लिया था. इसी दौरान विधायक के बेटे विक्रम सिंह क्षत्री ने टेलीफोनिक गाली-गलौज की. बाद में खुद विधायक ने फोन कर दनादन अभद्र गालियाँ देते हुए लायसेंसी बंदूक से उड़ा देने की धमकी दी.
टीआई शर्मा ने आगे बताया कि उसके द्वारा फलां गांव में हूँ, कहे जाने पर विधायक और उसके गुंडों ने उनके शासकीय निवास पर धावा बोल दिया. निवास के बाहर खड़ी कार को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. उस शासकीय निवास में सीसीटीवी कैमरा नहीं है वरना मेरे पास विधायक के खिलाफ एक बड़ा सबूत मौजूद होता. हमने आगे टीआई से पूछा कि क्या आपके और विधायक की टेलीफोनिक बातचीत और गाली-गलौज के रिकॉर्ड आपके पास मौजूद हैं. तब टीआई ने कहा कि हाँ उसके पास रिकार्डेड बातचीत है. मगर वह इसे फ़िलहाल मीडिया को उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं. क्योंकि पुलिस के आला अधिकारियों ने विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने का पूर्ण आश्वासन दिया है. विभागीय जाँच चल रही है. इसलिए मेरे तरफ से कुछ दिनों तक कोई कदम उठाना उचित नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि विधायक राजू सिंह क्षत्री, उसके बेटे विक्रम सिंह क्षत्री और उसके तमाम गुंडों के खिलाफ यदि पुलिस के आला अधिकारी कार्रवाई नहीं करेंगे तो वह न्यायालय की शरण में जायेगा. लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता से बातचीत में योगेश नारायण शर्मा ने हालाँकि विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने पुलिस के आला अधिकारियों पर भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यदि कोई कार्रवाई नहीं होगी तो आगे कदम उठाऊंगा. अगर न्यायालय की शरण में जाने की जरुरत पड़े तो वो भी देख लेंगे.
वहीँ इस मामले को लेकर एसपी आरिफ़ शेख ने कहा कि टीआई को विधायक मामले को लेकर लाइन अटैच नहीं किया गया है. लाइन अटैच करने का मामला दूसरा है. यह प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसे नहीं बताया जा सकता. टीआई को लाइन अटैच करना पहले से ही प्रक्रियाधीन था. हाँ यह विधायक का मामला सामने आने के दिनों हुआ, जिसके कारण इस कार्रवाई को उससे जोड़कर देखा जा रहा है. जबकि लाइन अटैच का इस मुद्दे से कोई कोरिलेशन नहीं है.
आपको बता दें कि तखतपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक ने बताया कि टीआई वाय एन शर्मा किसी सोची-समझी साजिश के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि विधायक के द्वारा थाने में आकर टीआई कहाँ है, ये पूछते हुए धमकी दिया गया है. विधायक के द्वारा 25- 30 लोगों के साथ थाने आने की जानकारी रोजनामचा में दर्ज है. इसके बावजूद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. ज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने प्रधान आरक्षक केरकेट्टा ने आला अधिकारियों से लिखित गुहार भी लगाया है.