अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) में रेलवे प्रशासन (railway administration) का अजीब तरह का कारनामा सामने आया है। भोपाल मेट्रो को टोने टोटके से बचाने के लिए नजरबट्टू लटकाया गया है। सवाल यह है कि विज्ञान के इस युग में क्या मेट्रो (Metro) को नजरबट्टू बुरी नजर (evil eye) से बचाएगा? आखिर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Metro Rail Corporation) मेट्रो को किसकी बुरी नजर से बचाना चाहता है।

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जानकारी के अनुसार एक तरफ भोपाल मेट्रो का निर्माण चल रहा है वहीं दूसरी ओर गर्डर पर हर तरफ कॉरपोरेशन ने नजरबट्टू टांगे हैं। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर मेट्रो निर्माण कार्य जारी है। राजधानी भोपाल में मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। सितंबर 2023 तक सरकार का मेट्रो रेल दौड़ाने का प्लान है। भोपाल में सितंबर में मेट्रो ट्रायल करने की तैयारी चल रही है। पहले चरण के सिविल वर्क का काम 90 फीसदी पूरा हुआ है।

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वाया डक्ट के सिविल वर्क का काम 90 फीसदी पूरा हो गया है। फरवरी तक वाया डक्ट का काम पूरा हो जाएगा। रानी कमलापति स्टेशन से सुभाष नगर तक 4 किमी मेट्रो रूट की तैयारी है। स्टेशन और डिपो के काम में भी तेजी आई। वाया डक्ट के ऊपर ट्रैक बिछेगा। मार्च में सिग्नलिंग का काम शुरू हो जाएगा। बैंग्लुरु में मेट्रो का कोच तैयार हो रहा है। भोपाल और इंदौर में 2018 में वाया डक्ट शुरू हुआ था।

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