प्रतीक चौहान. रायपुर. मांढ़र रेलवे स्टेशन के पास से करीब 1500 किलो लोहा चोरी के मामले में लल्लूराम डॉट कॉम के हाथ एक ऑडियो लगा है. सूत्र का दावा है कि इसी ऑडियो के आधार पर आरपीएफ के स्टॉफ तक कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की टीम पहुंची थी.

लल्लूराम डॉट कॉम इस ऑडियो की पुष्टि का दावा नहीं करता है, ये आरपीएफ के लिए जांच का विषय है. लेकिन इस ऑडियो में जो बातचीत हो रही है वह लोहा उठाने वाले एक मजदूर और आरपीएफ स्टॉफ जो चोरी के मामले में आरोपी है उसके बीच की बताई जा रही है.

इस ऑडियो में आरोपी आरपीएफ स्टॉफ अधिकारियों को गाली बकते हुए ये कह रहा है कि कोई भी X#%& आ जाएं, तुम डरना नहीं…. तुम यादव हो और यादव किसी से डरते नहीं है..

सूत्र ने बताया कि बातचीत करने वाला दूसरा पक्ष उस मजदूर का है, जिसने आरपीएफ स्टॉफ के कहने और अपनी मजदूरी के एवज में ट्रैक के पास से चोरी का लोहा गाड़ी में भरा था और इसके एवज में उसे मात्र उसकी मजदूरी 500 रुपए मिली थी. जो इस बातचीत से सामने आई है.

आरोपी आरपीएफ आरक्षक नियम-कानून की भी जानकारी उक्त मजदूर को देते हुए सुना जा सकता है. वो कह रहा है कि किसी को अपना फोन मत देना. किसी भी पुलिस के पास तुम्हारा फोन मांगने का कोई अधिकार नहीं है.

आरपीएफ स्टॉफ ने की मारपीट ?

एक अन्य शिकायत भी इस मामले से जुड़ी थाना प्रभारी विधानसबा, सीएसपी विधानसभा और एसएसपी रायपुर के पास पहुंची है. जिसमें ये कहा गया है कि आरपीएफ स्टॉफ ने उनके साथ मारपीट की. इसके अलावा उनका घर जलाने और उनके माता-पिता को भी जान से मारने की धमकी दी गई है. इस शिकायत में उक्त घटना का जिक्र भी विस्तृत रूप से किया गया है, हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. ये शिकायत हाजरून खान द्वारा करना बताया जा रहा है.

पैसे चोरी के मामले में आया था उक्त आरपीएफ स्टॉफ का नाम ?

लल्लूराम डॉट कॉम सूत्र बताते है कि इस मामले में जिस आरपीएफ स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की गई है उसके खिलाफ एक यात्री के बैग से 30-40 हजार रुपए निकालने का मामला भी कुछ वर्षों पहले आया था. सूत्र की माने तो एक यात्री का बैग ट्रेन में छूट गया था. उसने इसकी शिकायत की, बैग में करीब 2 लाख रूपए थे. तिल्दा रेलवे स्टेशन में यात्री के बताएं स्थान से ये बैग मिला, लेकिन उक्त बैग में से कुछ पैसे आरपीएफ स्टॉफ ने निकाल लिए. जब बैग वापस यात्री को हैंडओवर करने की तैयारी हुई तो यात्री ने बैग लेने से मना कर दिया और बताया कि इसमें पैसे कम है. हालांकि बाद में ये पैसे उक्त आरपीएफ स्टॉफ के पास से ही मिले थे, लेकिन इस मामले में उच्च अधिकारियों के संरक्षण के बाद मामला रफा-दफा हो गया.

 क्या RPF स्टॉफ में इतनी हिम्मत हो सकती है ?

  1. इस मामले में ऐसे कई तथ्य है जो बेहद चौंकाने वाले है. वो ये कि क्या आरपीएफ आरक्षक की इतनी हिम्मत हो सकती है कि लोहा चोरी के बाद बकायदा गाड़ी लगवाकर चोरी का लोहा कबाड़ी तक पहुंचाया जा सके ?
  2. इस वायरल ऑडियो में जो भी बातचीत हुई है क्या उसे गंभीरता से लेते हुए अधिकारी जांच करेंगे ?
  3. क्या अब इस मामले में अन्य स्टॉफ की कॉल डिटेल निकाली जाएगी ?
  4. आरपीएफ ने इस मामले में कार्रवाई के बाद भी इतनी गोपनीयता क्यों रखी ?
  5. क्या अब यात्री के बैग से पैसे निकालने के मामले की पुनः जांच की जाएगी ?
  6. आरक्षक फोन में इतना निश्चित होकर ये कैसे बोल रहा है कि वो उसे बचा लेगा ?
  7. साइडिंग का पैसा किस पुलिस वाले को दिया जाता है ?

    ये है वो पूरी बातचीत…