रायपुर। सेक्स सीडी कांड मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है. पुलिस विनोद वर्मा को 3 दिन की रिमांड पर लेने के बाद उनसे इस मामले में पूछताछ करेगी. इससे पहले विनोद वर्मा के वकील सतीश वर्मा ने जिरह करते हुए कहा न्यायालय में दलील दी गई कि यह पूरी तरीके से प्रायोजित तौर पर किया गया काम है. पुलिस ने बहुत ही तत्परता से इस मामले में कार्रवाई की है उनकी भूमिका संदिग्ध है और सरकार के दबाव में यह पूरा काम हो रहा है. अंतागढ़ टेप कांड और झीरम घाटी कांड का हवाला देते हुए उनके वकीलों ने कहा कि उसमें जिस तरह से कार्रवाई नहीं की गई जितना इसमें की गई. जाहिर तौर पर सत्ता के दबाव में पुलिस ने काम किया है. भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष हैं और सीएम के साथ उनका विवाद चलता रहता है.
सतीश वर्मा ने कोर्ट से कहा कि अंतागढ़ कांड टेपकांड मामले के खुलासे में विनोद वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. कोर्ट में हर सुनवाई के दौरान वो मौजूद रहे हैं लिहाजा उसी मामले को दबाने और डायवर्ट करने के लिए विनोद वर्मा को फंसाया गया है. विनोद वर्मा के पास सिर्फ पेनड्राईव है कोई सीडी नहीं है, जिस सीडी की बात कही जा रही है वो पुलिस की सीडी है. सतीश वर्मा ने इसे दो मंत्रियों की साजिश बताया है उन्होंने कहा कि मंत्रियों के इशारे पर वर्मा को फंसाया गया है.
विनोद वर्मा ने न्यायालय से रायपुर पुलिस की शिकायत की है उन्होंने कहा कि उन्हें स्लीप डिस्क की बीमारी है जिसके बावजूद भी पुलिस जानबूझकर उन्हें परेशान करने सड़क मार्ग से लेकर आई रायपुर पहुंची.
पुलिस रिमांड का विरोध
सरकारी वकील ने न्यायालय से विनोद वर्मा को 5 दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी जिस पर विनोद वर्मा के वकीलों ने पुलिस रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में जब सबकुछ हो चुका है तो फिर पुलिस रिमांड क्यों. उसमें जब पुलिस ने सीडी बरामद कर ली गई है, दुकानदार का भी पता चल गया है. शिकायतकर्ता साफ है तो रिमांड क्यों दी जा रही है.
विनोद वर्मा के वकीलों ने लगाया आवेदन
विनोद वर्मा के वकील सतीश वर्मा ने न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने विनोद वर्मा की जान को खतरा बताया है. आवेदन में कहा गया है कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाए यह काफी हाईप्रोफाईल मामला है इसमें कई बड़े लोग शामिल हैं. इसलिए उनको पूरी सुरक्षा में रखा जाए. इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि अगर उनको पुलिस रिमांड में दिया जाता है तो उनको कड़ी सुरक्षा में रखने के साथ ही किसी तरह की प्रताड़ना न दी जाए.
सुनवाई के दौरान विनोद वर्मा के परिवार के लोग मौजूद थे. कांग्रेस प्रवक्ता और अधिवक्ता किरणमयी नायक, ज्ञानेश शर्मा भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे इसके अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेसी भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे