रायपुर। राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत बाल दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ में 14 से 20 नवम्बर तक बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश भर में चार लाख 32 हजार 252 बच्चों के आंखों की निःशुल्क जांच की गई। बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह में चार हजार 631 स्कूलों में नेत्र शिविरों का आयोजन कर दृष्टिदोष वाले 13 हजार 488 बच्चों को चश्में भी दिए गए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले सात महीनों में प्रदेश के सात हजार 279 स्कूलों के पांच लाख 27 हजार 459 विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण कर दृष्टिदोष वाले 15 हजार 845 बच्चों को निःशुल्क चश्में दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भी बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह के दौरान आयोजित शिविरों में शामिल होकर बच्चों को चश्में प्रदान किए। उल्लेखनीय है कि अंधत्व निवारण के लिए लोगों को नेत्रदान हेतु प्रेरित करने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने खुद नेत्रदान की घोषणा की है। जिलों में गठित अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम समितियों द्वारा आंखों की सुरक्षा के लिए बच्चों को जागरूक करने बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह के दौरान नेत्र जांच कार्यक्रम के साथ ही नेत्र सुरक्षा तथा स्वास्थ्य शिक्षा पर परिचर्चाओं एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
राज्य अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह के दौरान स्वास्थ्य विभाग के नेत्र सहायकों ने प्रदेश के तीन हजार 716 स्कूलों के तीन लाख 44 हजार 726 बच्चों की निशुल्क नेत्र जांच की। शहरी क्षेत्रों में चिरायु (आर.बी.एस.के.) की टीम ने बच्चों के आंखों की जांच की। चिरायु दल द्वारा इस दौरान 915 स्कूलों के 87 हजार 526 बच्चों की नेत्र जांच की गई। नेत्र सहायकों और चिरायु दल ने जांच के दौरान बच्चों को आंखों को स्वस्थ रखने दिन में कम से कम तीन से चार बार आंखों को साफ करने, मुलायम और साफ कपड़े से पोछने तथा किसी तरह की परेशानी आने पर तुरंत नेत्र चिकित्सक से परामर्श लेने कहा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि चालू कैलेंडर वर्ष 2019 में 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक स्वास्थ्य विभाग के नेत्र सहायकों ने प्रदेश के सात हजार 279 स्कूलों में जाकर पांच लाख 27 हजार 459 विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण किया है। नेत्र परीक्षण के दौरान दृष्टिदोष पाए गए 15 हजार 845 बच्चों को निःशुल्क चश्मा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम 1978 में शुरु किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2020 तक दृष्टिहीनता को घटाकर 0.3 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। कार्यक्रम के अंतर्गत निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन, शालेय छात्र-छात्राओं को निःशुल्क चश्मा और अन्य नेत्र रोगों का उपचार किया जाता है। अंधत्व निवारण के लिए छत्तीसगढ़ में पांच नेत्र बैंको की स्थापना के साथ ही नेत्रदान को बढ़ावा देने रायपुर और बिलासपुर मेडिकल कॉलेज में आई-डोनेशन काउंसलर की नियुक्ति की गई है।