दिल्ली. सरकार ने बैंक, राशन कार्ड, गैस सब्सिडी, मोबाइल फोन सबकुछ आधार से लिंक करने का फरमान जारी कर दिया है. लोग अभी आधार लिंक कराने के लिए भागदौड़ करने में लगे हैं कि उधर सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ने भी नए अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड की डिटेल्स को मान्यता देना शुरू कर दिया है.

फेसबुक पर अभी तक अकाउंट बनाना बेहद आसान है. कुछ जरूरी जानकारी जैसे यूजर नेम और पासवर्ड के साथ यूजर से जुड़े कुछ निजी डिटेल्स के बाद कोई भी अपना फेसबुक अकाउंट खोल सकता है. इस प्रोसेस को फालो करने के बाद फेसबुक प्लेटफार्म का यूज आराम से किया जा सकता है. अब फेसबुक ने भी अकाउंट ओपेन करने से पहले आधार कार्ड से जुड़ी जानकारियां मांगना शुरू कर दिया है. फेसबुक इस वक्त एक नए फीचर का इस्तेमाल कर रहा है जिसमें लोगों को आधार कार्ड से जुड़े डिटेल्स देने के लिए कहा जा रहा है. जैसे ही फेसबुक पर अकाउंट खोलने के लिए प्रोसेस शुरू की जाती है फेसबुक पर एक संदेश आता है जिसमें लिखा होता है कि आधार कार्ड पर अंकित नाम को फेसबुक पर इस्तेमाल करने से आपके मित्र आपको जल्दी पहचान सकेंगे. खास बात ये है कि ये संदेश फेसबुक पर हर नया अकाउंट खोलने वाले को नहीं दिखेगा. ये संदेश सिर्फ कुछ ही लोगों को दिख रहा है. फेसबुक इस टेस्टिंग फीचर के जरिए लोगों से फीडबैक ले रही है. लोगों से मिलने वाले रिस्पांस के बाद ही फेसबुक अकाउंट ओपनिंग से पहले आधार की अनिवार्यता पर कोई फैसला लेगी. इस नए फीचर के बारे में जानने के लिए जब लल्लूराम.काम की टीम ने फेसबुक पर नया अकाउंट खोला तो उसे ऐसा कोई संदेश नहीं मिला जिसमें आधार कार्ड पर अंकित नाम को ही इस्तेमाल करने की बात कही गई हो. फेसबुक ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि ये फीचर सभी के लिए नहीं है. इसकी टेस्टिंग सिर्फ चुनिंदा यूजर्स पर हो रही है.

दरअसल फेसबुक पहला ऐसा वर्चुअल प्लेटफार्म नहीं है जो आधार डिटेल्स को यूजर्स से मांग रहा है. इससे पहले आनलाइन शापिंग पोर्टल अमेजन ने भी अपने कस्टमर्स से आधार नंबर अपलोड करने को कहा था जिनके कंसाइनमेंट किसी वजह से कस्टमर्स तक नहीं पहुंच पाए थे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न योजनाओं में आधार लिंक करने की समयसीमा 31 मार्च 2018 तक के लिए बढ़ा दी है. फेसबुक के इस टेस्टिंग फीचर के बाद ये तय हो गया है कि देर-सबेर सोशल मीडया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, टिवटर औऱ इंस्टाग्राम भी अकाउंट ओपनिंग के लिए आधार डिटेल्स जरूरी कर सकते हैं. इस बारे में सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा कदम नेटवर्किंग साइट्स फेक अकाउंट यूजर्स की संख्या कम करने के लिए उठा रही हैं ताकि भविष्य में सिर्फ जेनुइन और सीरियस यूजर ही इन साइट्स का इस्तेमाल कर सकें. फिलहाल फेसबुक के इस टेस्टिंग फीचर से किसी को घबराने और परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. यूजर्स से मिलने वाले फीडबैक और रिस्पांस के बाद ही फेसबुक इस बारे में कोई फैसला लेगा तब तक के लिए आप धड़ल्ले से फेसबुक का इस्तेमाल कीजिए.