नोएडा . अमेरिकी नागरिकों को सोशल सर्विस देने का झांसा देकर उनके साथ ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया. गिरोह में शामिल 84 युवक-युवतियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें से ज्यादातर उत्तर-पूर्व के हैं. चार महीने में सैकड़ों अमेरिकी नागरिकों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी की गई. कॉल सेंटर चलाने वाले मुख्य आरोपी फरार हैं.

डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने बताया कि पुलिस की टीम को कुछ दिन पहले सेक्टर-6 में अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर के संचालित होने की जानकारी मिली थी. फेज वन थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने जांच करते हुए आरोपियों को दबोच लिया. गिरफ्तार सभी युवक और युवतियां दिल्ली-एनसीआर में किराये के मकान में रहते हैं. कॉल सेंटर का मैनेजर हर्ष शर्मा और योगेश मुरारी को पकड़ने की कोशिशें जारी है. आरोपी एक हफ्ते में दो से तीन दिन के लिए कॉल सेंटर में काम करने के लिए आते थे. यह लोग ज्यादातर रात में काम करते थे, क्योंकि अमेरिका में उस वक्त दिन होता था. डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने चार महीने पहले ही यहां पर ऑफिस खोला. ये रोजाना 30 से 40 लाख रुपये की ठगी करते थे. आरोपियों के पास से 150 लैपटॉप और कंप्यूटर ,13 मोबाइल, 20 लाख नगद, एक कार और अमेरिकी नागरिकों का 42 पेज में लिखा डाटा बरामद किया है.

डार्क वेव से डाटा हासिल कर वाइस मेल भेजते थे

डीसीपी ने बताया कि आरोपी डार्क वेव के जरिए अमेरिकी नागरिकों का निजी डाटा और सोशल सिक्योरिटी नंबर हासिल करते थे. फिर उन्हें सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ अमेरिका के नाम से वाइस ई-मेल भेजते. उसमें सोशल सिक्योरिटी नंबर पर गैरकानूनी गतिविधि होने, बैंक खातों के साथ ही अन्य सुविधाओं को बंद कर दिए जाने जैसी बातें होती थीं. साथ में अपना फोन नंबर भी देते थे. जब कोई व्यक्ति आरोपियों से संपर्क करता तो यह लोग खुद को सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ अमेरिका से होने की बात कर झांसे में लेते और उन्हें ड्रग्स तस्करी समेत अन्य अवैध कामों में शामिल होने जैसी धमकी देते. फिर क्रिप्टोकरंसी और गिफ्ट वाउचर खाते में ट्रांसफर कर लेते.