सूरत. सचिन थाने में दर्ज 85 लाख रुपए के जाली नोट मामले में छह साल से फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर को क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. वह दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में छिपा था. पुलिस के मुताबिक, आरोपी सचिन परमार (28) भावनगर जिले के गंदी गांव का मूल निवासी है. उसने कानजी भरवाड व सुनीता उबाड़े को जाली नोट तैयार कर दिए थे. गत 6 जुलाई 2019 को सचिन पुलिस ने पलसाणा टी पॉइंट के पास शिवांजली अपार्टमेंट छापा मारा था. पुलिस ने दो हजार व पांच सौ रुपए दर की कुल 85 लाख 22 हजार रुपए की जाली नोट बरामद की थी.

पुलिस ने मौके से कलर प्रिंटर, कागज, स्याही समेत नोट छापने की सामग्री भी मिली थी. जिसे जब्त कर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. उनसे पूछताछ में पता चला था कि सचिन परमार ने जाली नोट तैयार किए थे. उस समय सचिन वहां मौजूद नहीं था. दोनों के पकड़े जाने की भनक लगने पर वह सूरत से फरार हो गया था. क्राइम ब्रांच को मुखबिर से उसके दिल्ली में छिपे होने की सूचना मिलने पर पुलिस ने एक टीम भेजी. उसे गिरफ्तार कर लिया, वह दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में छिपकर रह रहा था.
पिता की मौत पर भी घर नहीं लौटा सचिन
पुलिस ने बताया कि सचिन बेहद शातिर है. वह जाली नोट तैयार करता है तथा उन्हें बाजार में भुनाता है. 2017 के बाद से ही उसने अपने परिवार जनों व रिश्तेदारों से संपर्क खत्म कर दिए थे. वह शराब व शबाब का शौकीन है. जाली नोट तैयार कर उन्हें बाजार में भुनाता था और फिर मुंबई जाकर बार डांसरों पर भी जाली नोट उड़ाता था. फरारी के दौरान ही उसके पिता की मौत हो गई थी लेकिन वह घर नहीं लौटा. वह विभिन्न राज्यों में छिप कर रहा और होटल-रेस्टोरंट में बेटर के तौर पर काम किया.
माइनिंग में इंजीनियरिंग की डिग्री
पुलिस ने बताया कि आरोपी सचिन पढ़ा लिखा है. उसने भुज इंजीनियरिंग कॉलेज से माइनिंग में बीई कर रखी है. अपने ज्ञान का उपयोग उसने जाली नोट तैयार करने में किया. कुछ ही समय में कंप्यूटर व प्रिंटर की मदद से जाली नोट तैयार करने में महारत हासिल कर ली थी. यह पहली बार 2017 में भावनगर में जाली नोट तैयार करने के मामले में पकड़ा गया था. उसके बाद अमरेली व उधना पुलिस थानों में भी जाली नोट तैयार करने के मामलों में पकड़ा जा चुका है. इन मामलों में जमानत मिलने पर वह फरार हो गया था. उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था.