हेमंत शर्मा, इंदौर। क्राइम ब्रांच इंदौर ने फर्जी डिजिटल अरेस्ट के जरिए ऑनलाइन ठगी करने वाली अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग का एक मुख्य सदस्य के.कृष्ण कुमार, निवासी साइबराबाद (तेलंगाना) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में राजस्थान के झालावाड़ से भी एक आरोपी पहले गिरफ्तार हो चुका है।
गैंग, लोगों को कॉल कर खुद को पुलिस अधिकारी बताती थी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर ठगी करती थी। पीड़ितों को डराने के लिए ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप लगाकर डिजिटल अरेस्ट की प्रक्रिया समझाई जाती थी। उन्हें फर्जी वीडियो कॉल पर डीसीपी या अन्य अधिकारी बनकर बात की जाती थी।बैंक खातों की रकम जांच के नाम पर ट्रांसफर कराई जाती थी।
महिला सॉफ्टवेयर डेवलपर से हुई ठगी
इंदौर निवासी महिला से गैंग ने 12 लाख 10 हजार 307 की ठगी की थी। जिसके बाद फरियादी ने क्राइम ब्रांच की साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। तकनीकी जांच और त्वरित कार्रवाई के बाद मामले का खुलासा हुआ।
गैंग का नेटवर्क और कार्रवाई
गैंग देश के कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और मध्यप्रदेश में कई लोगों को ठग चुकी है। पुलिस ने 111 बैंक खातों को फ्रीज करवाया। महिला के 6 लाख रिफंड की प्रक्रिया कोर्ट के माध्यम से चल रही है। गिरफ्तार आरोपी पर धारा 419, 420, 384, 409, 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी का रिमांड लिया है। गैंग के अन्य सदस्यों और ठगी के अन्य मामलों की जांच जारी है।
मुख्यमंत्री की पहल पर साइबर अपराध पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण के निर्देशों के तहत इंदौर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इस सफलता से साइबर ठगी के मामलों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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