Fake Loan App: भारत में फ्रॉड लोन ऐप का जाल फैला हुआ है, जिसके आए दिन भोले-भाले लोग शिकार बन रहे हैं. फ्रॉड के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने अपने प्लेटफॉर्म पर फ्रॉड लोन ऐप का विज्ञापन ना करने की चेतावनी दी है.
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अगर किसी तरह का स्कैम होता है तो फिर विज्ञापन देने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिम्मेदार होगा. मेटा के फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को जारी अपनी सलाह में मंत्रालय ने उनसे सात दिनों के भीतर निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा.
कैस फंसते हैं लोग?
इन ऐप्स (Fake Loan App) को डाउनलोड करते ही यूजर्स की तमाम फोटोज और कॉन्टैक्ट डिटेल्स का एक्सेस लोन प्रोवाइडर को मिल जाता है. फिर लोन रिकवरी के नाम पर इनका असली खेल शुरू होता है. ये फर्जी ऐप्स लगातार पीड़ितों पर जल्द से जल्द लोन भरने का दबाव बनाते हैं. कई बार उनकी फोटोज को मॉर्फ करके वायरल करने की धमकी दी जाती है.
फर्जी लोन प्रोवाइडर्स (Fake Loan App) पीड़ित के फोन से लिए गए तमाम कॉन्टैक्ट्स को संपर्क करके भी धमकी देते हैं. यूजर्स अपनी बदनामी के डर से लोन भरने के लिए नया लोन लेते हैं और इस तरह से वे लोन के जाल में फंसते चले जाते हैं. सरकार लगातार इन तरह के फर्जी लोन ऐप्स और अवैध सट्टेबाजी वाले ऐप्स पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है.
गूगल ने 2500 लोन ऐप्स को बैन किया
इससे पहले सरकार ने 18 दिसंबर को संसद को सूचित किया कि गूगल ने अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 के बीच अपने प्ले स्टोर से 2,500 से अधिक धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स को हटा दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा था कि सरकार धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और अन्य नियामकों और संबंधित हितधारकों के साथ लगातार काम कर रही है.
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