जयपुर. फलाहारी बाबा को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. बाबा की ओर से जमानत के लिए लगाई गई याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिसके बाद बाबा की मुश्किले और भी बढ़ गई है. बाबा पर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी एक युवती से दुष्कर्म का आरोप है.

न्यायाधीश पंकज भंडारी ने फलाहारी बाबा की अर्जी पर कहा कि आरोपी ने ऐसा कोई कारण नहीं बताया है कि पीड़िता ने दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया है. इसलिए बाबा को जमानत नहीं दी सकती. आरोपी बाबा ने जमानत अर्जी में कहा था कि केस की एफआईआर देरी से दर्ज कराई है और मामला झूठा है.जमानत अर्जी के विरोध में युवती के अधिवक्ता माधव मित्र ने कहा कि एफआईआर देरी से दर्ज कराने पर आरोपी को जमानत नहीं मिली सकती.

पिछले साल यौन शोषण के मामले में फलाहारी बाबा आए थे सुर्खियों में

बता दें कि कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी यानि फलाहारी बाबा तब सुर्खियों में आ गए थे, जब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की एक युवती ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में 11 सितंबर 2017 को दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद 23 सितंबर को फलाहारी बाबा को अलवर के मधुसूदन सेवा आश्रम से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक बाबा ने उसे रात को अपने कमरे में बुलाया और उसके साथ रेप किया.

फलाहारी बाबा का पूरा नाम जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज है. वो रामानुज संप्रदाय के साधु माने जाते हैं. राजस्थान के अलवर में इनका वेंकटेश दिव्य बालाजी धाम आश्रम है.