Falgun Amavasya : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. पंचांग के अनुसार, इस बार फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को है. अमावस्या के दिन पूजा-पाठ, जप-तप और दान करने से सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 मार्च शाम 6 बजकर 17 मिनट से हो गई है. वहीं इसका समापन 10 मार्च दोपहर 2 बजकर 29 मिनट को होगा. उदया तिथि के मुताबिक अमावस्या 10 मार्च के दिन पड़ रही है.
अमावस्या तिथि को पितरों के लिए समर्पित माना गया है, ऐसे में इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से उनके निमित्त पिंडदान, तर्पण और दान करना चाहिए, ऐसा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है. इस दिन पितरों के उद्देश्य से किया गया तीर्थ स्नान, दान और श्राद्ध अक्षय फल देने वाला होता है.
फाल्गुन अमावस्या के दिन अन्न दान करने का बहुत महत्व है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र, दवा आदि का दान करें और चीटियों को आटा डालें. फाल्गुन में पड़ने वाली अमावस्या के दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस दिन यदि कोई व्यक्ति विधि-विधान से श्रीहरि के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके जीवन से जुड़ी सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं.
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