जांजगीर-चांपा। आमदनी बढ़ाने और परिवार की जरूरतों को पूरा करने परंपरागत धान की एक फसली खेती के अलावा किसानों को नकद आमदनी देने वाली अन्य अनुषांगिक व्यवसाय अपनाना जरूरी है. ऐसा करके ही किसान अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं.

जांजगीर-चांपा जिले के विकास खंड अकलतरा के ग्राम पिपरदा का रहने वाला मुरारी लाल मित्तल ने मत्स्य पालन विभाग की योजना की मदद से स्वयं की भूमि में तालाब का निर्माण किया और मत्स्य पालन व्यवसाय शुरू किया. इससे उन्हें एक साल में करीब तीन लाख रुपए की आमदनी प्राप्त हुई.

मछली पालन विभाग के सहायक संचालक एस एस कंवर ने बताया कि मुरारी लाल द्वारा गत वर्ष स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण कर मछली पालन व्यवसाय शुरू किया गया. इसके पहले अपने परिवार के पालन पोषण के लिए वह अपनी जमीन पर धान की मौसमी खेती किया करते थे. इससे वे अपने परिवार की जरूरतों की पूर्ति नहीं कर पाते थे.

मुरारी लाल मित्तल ग्राम पिपरदा, विकासखंड अकलतरा के द्वारा मछली पालन विभाग के मार्गदर्शन पर आर.के.व्ही.वाय. योजना के तहत स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण योजना के तहत अपने स्वयं की भूमि पर जल क्षेत्र 1.400 हेक्टेयर में तालाब का निर्माण कराया गया. मित्तल के अथक प्रयास एवं मेहनत से चालू वर्ष में लगभग 2 टन मछली का उत्पादन कर विक्रय किया गया. जिससे उन्हें लगभग 3 लाख रूपये की आमदनी प्राप्त हुई.

मुरारी लाल मित्तल ने बताया कि धान की खेती में उन्हें इतनी आमदनी नहीं हो पाती थी जिससे वे अपने और अपने परिवार के लिए बुनियादी सुविधाओं की ब्यवस्था कर सके. मछली पालन करने से उन्हें पर्याप्त आमदनी हो रही है. इस व्यवसाय को अपनाने के बाद उनका जीवन स्तर काफी उन्नत हुआ और उनके परिवार में खुशी का माहौल है.