बिलासपुर. हसदेव अरण्य को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोल माइंस बड़ा मुद्दा है. यहां की जनता की जमीनों को लूटा जा रहा है और उन्हें बेघर किया जा रहा है. अगर किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं है, तो कोल माइंस नहीं लगाना चाहिए.

राकेश टिकैत ने मंगलवार को शहर के कोन्हेर गार्डन में हसदेव बचाओ आंदोलन की मुहिम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हसदेव के लिए किसान समिति केंद्र और राज्य सरकार से बात करेगी. राकेश टिकैत ने निशाना साधते हुए कहा कि एनजीटी क्या कर रही है ? जब एक पेड़ कटते हैं, तो नोटिस जारी हो जाता है. यहां तो पूरा जंगल ही उजाड़ दिया गया. फिर भी कोई नोटिस नहीं है. जंगल को उजाड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार हैं. पूरे देश में इसकी खिलाफत होनी चाहिएत.

भूपेश सरकार की नीतियों को सराहा

टिकैत ने छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यहां कि कुछ नीतियों को तो पूरे देश में लागू करना चाहिए. टिकैत ने कहा छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार कई बेहतर कार्य कर रही है. जनसमस्याओं के साथ सरकार इन मुद्दों को भी निपटाए. केंद्र सरकार की ओर से नया कृषि कानून लाया गया था, जिसे लेकर लंबे समय तक प्रदर्शन किया गया. अंततः सरकार को इन कानूनों को वापस लेना पड़ा. हसदेव के जंगल, जमीन और पर्यावरण को बचाने के लिए पिछले 377 दिन से आंदोलन चल रहा है. उन्होंने कहा कि जंगल बचाने की मुहिम चलते रहनी चाहिए, कोयले के लिए जंगल काटना दुखद है. हसदेव बचाओ आंदोलन जारी रहना चाहिए.

छत्तीसगढ़ सरकार से करेंगे बात- टिकैत

राकेश टिकैत अभी छत्तीसगढ़ में तीन-चार दिन रहेंगे और हसदेव पर प्रदेश सरकार से भी बात करेंगे. उन्होंने लगातार चिट्टियां लिखने का अभियान चलाने का सुझाव दिया है. लोग नहीं चाहते कि जंगल और जमीन कोयले के लिए नष्ट किए जाएं‌, इससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. जंगल बचाने के लिए मुहिम और तेज करना होगा. दिल्ली के किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तो ये आंदोलन शुरू हुआ है. क्योंकि सरकार की नजर अभी किसानों की जमीनों पर है, इसलिए हमारा आंदोलन फिर शुरू होगा. अभी किसान एमएसपी से संतुष्ट नहीं हैं. कोई भी किसान अपनी जमीन देना नहीं चाहता. उन्होंने कहा कि 20 मार्च को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी.