बुरहानपुर. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भले ही मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार बता रहे हों, लेकिन स्थिति भयावह है। प्रदेश में किसानों के आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। अब ऐसा मामला सामने आया है कि सबको सोचने को मजबूर कर दे। एक किसान को कर्ज के लिए अपने बेटे को गिरवी रखना पड़ गया। लेकिन, किसान अपने बेटे को नहीं छुड़ा पाया तो आत्महत्या कर ली।
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी खेती को लाभ का धंधा और किसानों की आय दुगनी होने का दावा करते रहते हैं, वाबजूद इसके किसान कर्ज के चलते आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हैं आलम ये है कि अब तो किसान अपने बच्चों को ही गिरवी रखने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला बुरहानपुर में देखने को मिला है, जहाँ एक किसान ने कर्ज के लिए अपने ही कलेजे के टुकड़े को गड़रिया के पास ढाई लाख रुपये में गिरवी रख दिया। जब कर्ज नही चुका सका और बेटे को नहीं घर ला पाया तो किसान ने आत्महत्या कर ली।
बुरहानपुर से 12 किलोमीटर दूर ग्राम भोलाना में रहने वाला किसान कारकुन कोडू के पास डेढ़ एकड़ खेती थी खेती कर वो अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। आर्थिक स्थिति खराब होने से किसान ने खेती करने के लिए सोसायटी से 65 हजार रुपये और अन्य लोगों से कर्ज लिया था। जिसके एवज में किसान ने अपने खेत मे केले की फसल लगाई थी। लेकिन कुदरत की मार किसान को ऐसी पड़ी की खेत का कुआँ सुख गया और पूरी केले की फसल भी सुख कर तबाह हो गई। इतना ही नही मजबूर होकर किसान को अपने 17 वर्षीय पुत्र काशीराम को गड़रिया के पास ढाई लाख में गिरवी रख कर्ज लेना पड़ा।
गिरवी रखा बच्चा अपने माँ-बाप से दूर होकर गड़रिये की भेड़ बकरी चलाने का काम कर रहा है। वही फसल तबाह होने के बाद कर्ज वसूली के लिए सोसायटी और लोगो का दबाब उस पर बनने लगा जिस कारण किसान की चिंता बढ़ गई एक तो गिरवी रखे अपने कलेजे के टुकड़े को छुड़ाने की चिंता और दूसरा सोसायटी और साहूकारों का लोन उस के लिए काल बन गया और किसान ने गुरुवार को कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली जिसके बाद से तो परिवार के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया।
देखिये वीडियो…
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