नई दिल्ली . एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों ने 29 फरवरी तक के लिए दिल्ली कूच टाल दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार शाम को यह ऐलान किया.

इस आंदोलन में अभी तक शुभकरण समेत चार किसानों की मौत हुई है. जिनकी स्मृति में किसान कैंडल मार्च निकालेंगे. इसके बाद 25 फरवरी को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर WTO के विषय में सम्मेलन कर के देशभर के किसानों को जागरूक करेंगे. इसके बाद 26 फरवरी को देश में सभी गांवों में WTO के पुतले सुबह फूंके जाएंगे.

खनौरी बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने आगे की रणनीति का ऐलान कर दिया है. 29 फरवरी तक किसान दिल्ली नहीं जाएंगे. किसानों ने बताया कि 24 फरवरी को देशभर में शाम को कैंडल मार्च निकाला जाएगा. इसके बाद 25 फरवरी को शंभू एवं खनौरी बॉर्डर पर WTO विषय पर सम्मेलन करके देश भर के किसानों को जागरूक करने की कोशिश होगी. शम्भू और खनौरी बोर्डर पर 27 फरवरी को दोनों फोरम की राष्ट्रीय स्तर की बैठक बुलाई जाएगी. इस बैठक में किसान आंदोलन के आगामी बड़े फैसलों का ऐलान किया जाएगा.

किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत वहीं, खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों में से एक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि बठिंडा जिले के अमरगढ़ गांव निवासी 62 वर्षीय दर्शन सिंह की मौत हो गई. पंधेर के मुताबिक, इससे पहले दो और किसानों की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो चुकी है.

मृतक किसान के परिवार को एक करोड़ मिलेंगे

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खनौरी सीमा पर मारे गए किसान शुभकरण सिंह के परिवार को मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये और उनकी बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. मान ने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि किसान की मौत के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक पंजाब सरकार घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती.

क्या हैं किसानों की मांग?

शंभू बॉर्डर पर अभी भी किसानों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा है. इसमें ट्रैक्टर और दूसरे वाहनों की संख्या भी हजार से ऊपर हैं. किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने के साथ किसानों और खेतिहार मजदूरों के लिए पेंशन की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि बिजली दरों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी न की जाए. पुलिस किसानों पर लगे सभी मामलों को वापस ले और साथ ही 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा में पीड़ितों को न्याय मिले.