सदफ हामिद,भोपाल। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से बेमौसम बारिश का दौर जारी है. शनिवार से लेकर देर रात तक कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है. प्रदेश के कई हिस्सों में कोहरा छाया हुआ है. जिस कारण ठंड से जरुर राहत मिली है, लेकिन किसानों को नुकसान भी हुआ है. ओलावृष्टि के बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने अधिकारियों की बैठक बुलाकर निर्देश दिए है कि जहां-जहां फसल बर्बाद हुई है, वहां मौके पर पहुंचकर खराब फसले का सर्वे करें. सर्वे के बाद ही नुकसान का सही आंकड़ा सामने आ पाएगा, जिससे किसानों का भरपाई किया जा सकेगा.
फसलों के नुकसान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई है. प्रशासन को तत्काल सर्वे कराकर किसानों को राहत देनी चाहिए. इसके साथ ही कृषि बीमा का उचित मुआवजा दें और कर्ज माफ करें.
किसानों की मुआवजे की मांग पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी सरकार के स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्राकृतिक आपदा में किसानों को नुकसान होता है, तो उन्हें मुआवजा मिले. इसलिए अधिकारियों को भी फील्ड में जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए है. सरकारी अमला चुस्त दुरस्त है. सर्वे शुरू कर मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश है.
अभी भी 3 दिन जारी रहेगा बारिश का दौर
मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के सागर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग और राजगढ़, रायसेन, छिंदवाड़ा जिलों में बारिश और ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इन इलाकों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और ओलावृष्टि होने की संभावना है. इसके अलावा होशंगाबाद, रीवा, शहडोल, इंदौर, जबलपुर संभाग समेत विदिशा, भोपाल और सीहोर जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है. अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि पंजाब की तरफ एक सिस्टम बन रहा है. इसी का असर मध्य प्रदेश पर पड़ा रहा है. 2 से 3 दिन तक ये बना रहेगा और बरिश का दौर जारी रहेगा.
निवाड़ी में ओलावृष्टि से किसानों की फसल चौपट
धर्मेंद्र यादव,निवाड़ी। जिले में तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश के साथ कल देर रात तेज हवा के साथ ओलावृष्टि के चलते खेतों में खड़ी फसलें हुई चौपट हो गई है. निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर तहसील के टेहरका, चंदपुरा और चुरारा क्षेत्र में तेज बारिश के साथ करीब 10 से 20 मिनट तक जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे किसान के खेतों में खड़ी सरसों, गेंहू, चना और मटर की फसलें बुरी तरह नष्ट हो गई. ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसालों को देख किसान दुःखी है. उनका कहना है कि अब तो बस सरकार से ही सहायता का ही भरोसा है.
विदिशा से बारिश-ओलावृष्टि से करीब 15 गांव के फसल प्रभावित
संदीप शर्मा,विदिशा। विदिशा जिले के कई गांवों में शनिवार देर रात फिर जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है. जिससे सिरोंज और लटेरी तहसील के करीब 10-15 गांव प्रभावित हुए हैं. पिछले तीन चार दिनों से जिले में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो रही है. 6 जनवरी को विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने ओला प्रभावित ग्रामों का दौरा किया था. किसानों को उनके नुकसान की भरपाई का भरोसा दिलाया था.
छिंदवाड़ा में भी गेहूं चने की खड़ी फसल पर बर्बाद
शरद पाठक,छिंदवाड़ा। जिले के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के हर्रई विकासखंड में शनिवार को देर शाम तेज बारिश के साथ ओले गिरने से बड़ी मात्रा में फसल को नुकसान हुआ है. दरअसल आफत की बारिश गेहूं चने की खड़ी फसल पर कहर बनकर टूटी है. जब इस मामले पर हर्रई तहसीलदार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि देर शाम हुई बारिश से हर्रई क्षेत्र के 4 से 5 गांव प्रभावित हुए हैं. इसमें बिछुआ चोपना और कोहपानी शामिल है. उन्होंने बताया कि अंधेरा होने के कारण अभी सर्वे करना संभव नहीं है. इसलिए कल सुबह सर्वे करके जांच रिपोर्ट बनाई जाएगी, तभी नुकसान का सही आंकड़ा सामने आ सकेगा. इसके साथ ही हर्रई के ग्राम पंचायत रैया राव मैं भी बारिश और ओले गिरने से नुकसान होने की खबर मिली है.
अशोकनगर में कई गांव प्रभावित
मुकेश मिश्रा,अशोकनगर। जिले में देर शाम जोरदार बारिश के साथ ओले गिरे हैं. बीते दो दिनों से रुक रुककर बारिश हो रही है. ओले गिरने से फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. शाढोरा क्षेत्र के कई गॉंवों सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में फसलों को नुकसान हुआ है. एक दिन प्रशासन की टीम ने फसलों का सर्वे किया था. ओलावृष्टि से गेंहू, चना सहित अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है. मौसम विभाग ने जिले में ऑरेंज एलर्ट जारी किया था. बारिश के साथ ही अब जिले में ठंड बढ़ सकती है.
शहडोल में कोहरा, ठंड भी बढ़ी, फसल खराब होने की आशंका
अजय अरविंद,शहडोल। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद शहडोल में बारिश का दौर जारी है. देर रात से रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश के चलते लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. किसानों के चिंता बढ़ गई है. बदले मौसम के चलते कोहरे छाया हुआ है. बारिश के चलते ठिठुरन के साथ ठंड भी बढ़ गई है. इसके साथ ही अचानक हुई बरसात से खेतों की फसल पाले का शिकार हो सकती है.
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