रायपुर. भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार राजनीति में दोहरा मापदंड अपनाती है. उसे दूसरे प्रदेशों में किसानों का प्रदर्शन जनआंदोलन लगता है और छत्तीसगढ़ में यही आंदोलन उन्हें राजनीति दिखाई देता है.
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार केन्द्र की योजनओं को अपना लेबल लगाकर वाहवाही लूटती है. वास्तव में भूपेश सरकार को छत्तीसगढ़ से कोई लेना देना नहीं है. वह अपने आकाओं को खुश करने के लिए काम करती है, छत्तीसगढ़ की जनता के लिए नहीं.
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि अगर किसान छत्तीसगढ़ में राजनीति कर रहे हैं तो पंजाब, यूपी के लखीमपुर खीरी में किसान क्या कर रहे हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री 50-50 लाख रुपए दे कर आए हैं. क्या मुख्यमंत्री राजनीतिक लोगों को पैसे दे कर आए हैं? बात दूसरों पर आती है तो वो जनआंदोलन लगता है, जब अपने ऊपर आती है, तो उनको नई राजधानी के आंदोलन में राजनीति दिखाई देती है. वास्तव में इस सरकार को प्रदेश के किसानों, मजदूरों, महिलाओं से कोई लेना देना नहीं है.
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार की खुद की नई कोई योजना नहीं है, केन्द्र की योजनाओं पर अपना लेबल लगा कर यह वाहवाही लूटने का काम कर रही है. उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं कि केन्द्र की गोधन न्याय से संबंधित योजना बेमेतरा में लागू थी कि नहीं? उसमें केन्द्र सरकार ने पैसे भेजे थे की नहीं? उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 करोड़ पशुधन उपस्थित है, तो बताएं कि कितने हजार लोगों से गोबर खरीदा गया है. क्या एक गाय एक महीने में हजार किलो गोबर देती है?
उन्होंने दावा किया कि कुछ गिने-चुने लोगों से गोबर खरीदा जा रहा है, वे ही लोग ठेका पर गरीब आदमियों से आवारा पशुओं का गोबर इकट्ठा करवाते हैं और बेचते हैं. बाकी वास्तविक तो यह है कि किसानों से गोबर नहीं खरीदा जा रहा है. गोधन न्याय योजना में कांग्रेसी जम कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. यह योजना भी अधूरी है. पिछले 6 महीने से रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, दुर्ग, भिलाई में गोबर खरीदी बंद है.
उन्होंने आगे कहा कि अब तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री यूपी, असम और उत्तराखंड के नेता हो गए हैं. छत्तीसगढ़ के बजाए वे पूरे समय वहीं रह रहे हैं. कांग्रेस योग्यता को दरकिनार करके एक जाति वर्ग विशेष के लोगों को बढ़वा दे रही है. क्या अन्य जातियां मरार पटेल, यादव, धोबी, साहू स्थानीय जातियों को महत्व नहीं मिलना चाहिए. वास्तव में ये सरकार ही बाहरी लोगों की सरकार है छत्तीसगढियों की सरकार नहीं है.
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसी सरकार आई है, जिसका पानी 3 साल में ही उतर गया है. प्रदेश में भयंकर असंतोष उभर चुका है. ये सरकार स्थानीयता की बात तो करती है, लेकिन पूरी तरह बाहर वालों प्रियंका, सोनिया और राहुल को खुश करने के लिए काम करती है. उन्होंने कहा बिल्ली के भाग से एक बार छीका टूटा है, हर बार नहीं टूटेगा.

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