हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में सुबह 11 बजे से किसान अपनी जमीन अधिग्रहण को लेकर विरोध करते नजर आए। किसानों का कहना है कि उनकी जमीन उपजाऊ है और वह सरकार को नहीं देना चाहते। जबकि सरकार पश्चिम में रिंग रोड निकालने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रही है। इसका विरोध करने बड़ी संख्या में किसान लक्ष्मीबाई अनाज मंडी से ट्रैक्टर रैली लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचना चाहते थे। लेकिन मंडी के बाहर पहले से बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने रैली निकालने से उन्हें रोक दिया।

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पुलिस के रोकने से नाराज किसान मंडी के बाहर सड़क में धरने पर बैठ गए। 5 घंटे से ज्यादा समय तक चले इस धरने में जब कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं पहुंचे तो बिना ज्ञापन दिए ही सभी किसान धरना समाप्त कर अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो गए। जाते-जाते किसानों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी जमीन की तरफ कोई भी सरकारी कर्मचारी आएगा तो वह खुद ही उसका जिम्मेदार होगा। इसके साथ ही 1 मार्च से किसान उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी।

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मौके पर मौजूद अपर कलेक्टर ने चर्चा करते हुए कहा है कि ज्ञापन लेने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से अपर कलेक्टर, एडीएम मौके पर मौजूद थे। लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ही ज्ञापन देना चाहते हैं इसलिए वह बिना ज्ञापन दिए रवाना हो गए।

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किसानों ने अपने भाषण के दौरान कलेक्टर को जमकर कोसा और कहा कि कलेक्टर भी किसी के बेटे हैं और ऐसे में 5 घंटे से भूखे, प्यासे सड़क पर बैठे रहे। वह पहले शांतिपूर्ण ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आए जिससे नाराज किसान प्रशासन को चेतावनी देकर वहां से रवाना हो गए।

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