अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के पलारी तहसील के ग्राम बिनौरी के मजदूर किसान परिवार का बेटे का डाक्टर बनने का सपना अब साकार होने वाला है. रितेश सेन के नीट परीक्षा पास करने से सेन परिवार में खुशी का माहौल है.
यह भी पढ़ें : GST में भ्रष्टाचार पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी सख्त, कहा- कोई अधिकारी पैसे मांगे तो बताइए, एसीबी से रंगे हाथों करवाऊंगा गिरफ्तार
ग्राम बिनौरी के शुकदेव सेन व उषा सेन के खुशियों का ठिकाना नहीं है, जबसे उन्हें उनके बेटे के नीट परीक्षा पास करने की जानकारी मिली है. उनकी मेहनत को साकार करने का काम उनके पुत्र रितेश सेन ने किया है. रितेश सेन ने नीट में आल इंडिया में 8124वां व कैटगरी रैंक में 3300वां रैंक हासिल किया है. उसे कुल 720 अंकों में 561 अंक हासिल किया है.

रितेश सेन ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि उसने अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने की दिशा में एक कदम बढाया है, उसका डाक्टर बनने का सपना साकार होगा. उसने बताया कि पिता शुकदेव सेन किसान है, वहीं माँ घर का कामकाज संभालती हैं. एक बहन भी है.
बिनौरी में प्रारंभिक शिक्षा के बाद जवाहर नवोदय विघालय, धवन से उसने कक्षा छठवीं से बारहवीं तक पढ़ाई की. इस दौरान विघालय के प्राचार्य तथा शिक्षकों का सतत् मार्गदर्शन मिला. इसके बाद उसने पुणे से कोचिंग की, जहां से उसने नीट की परीक्षा दी थी, जिसमें आल इंडिया में 8124वां और कैटगरी में 3300वां मिला है.
रितेश ने बताया कि अभी काउंसिल नहीं हुई है. काउंसलिंग के बाद ही पता चलेगा कि उसे कहां पढ़ाई करनी है. उसने कहा कि गरीबी अभिशाप नहीं है, यदि हम लगन और लक्ष्य बनाकर मेहनत करें तो सफलता अवश्य मिलती है. मै अपनी सफलता को अपने माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद मानता हूँ, जिनकी मदद से पहली बार में ही परीक्षा पास कर लिया हूँ.
पिता शुकदेव सेन ने बताया कि उसका पुत्र शुरू से प्रतिभावान है. पढ़ाई अच्छे तरीके से करता था, आज उन्हें बेटे पर बहुत गर्व हो रहा है. इसके साथ उन्होंने अपने इष्टदेव, गुरु व उसे पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके पुत्र को इस सफलता के लिए मार्गदर्शन, आशीर्वाद प्रदान किया है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें