रवि रायकवार, दतिया। दतिया में जिला प्रशासन भले ही दावा करता हो कि कृषि मंडी में किसानों को नकद भुगतान मिल रहा है, लेकिन ये सच नहीं है। किसान फसल बेचने के बाद भुगतान के लिए व्यापारियों का महीने भर से ज्यादा समय तक चक्कर लगाते हैं, तब जाकर उनको भुगतान मिलता है।
किसानों का आरोप है कि फसल लेने के पहले व्यापारी दो-तीन दिन में भुगतान करने का वादा करते हैं, लेकिन फसल खरीदने के बाद व्यापारियों की भाषा बदल जाती है। व्यापारी किसानों को भुगतान के लिए तारीख पर तारीख देते रहते हैं। मंडी पहुंचे सिंधवारी के किसान रोहित सिंह ने बताया कि फसल के भुगतान के लिए व्यापारियों के महीने भर से ज्यादा समय से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन भुगतान नहीं मिल रहा है।
वहीं मंडी के सचिव जी एस परिहार का कहना है कि अगर कोई किसान हमारे पास आकर शिकायत करता है तो हम कार्रवाई करते हैं। हम मंडी में भी खुद जाकर देखते भी हैं। लेकिन किसान जिस तरह से भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं, उससे तो लगता है कि मंडी प्रबंधन किसानों के लिए नहीं बल्कि व्यापारियों के हित साधने के लिए बैठा है।
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