Fatty Liver Disease in Children : पहले के समय में लिवर से जुड़ी समस्याएं सिर्फ बड़ों में देखी जाती थीं, लेकिन आज के समय में ये बच्चों को भी अपना शिकार बना रही हैं. डॉक्टर की मानें तो तीन में से एक बच्चा लिवर सिरोसिस और गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग से पीड़ित है. 5-16 वर्ष की आयु के बच्चों में यह रोग एक चिंता का विषय बन गया है. पहले, बच्चों को लिवर रोग से सुरक्षित माना जाता था.
आजकल जिस तरह से लोगों की जीवनशैली बदल गई है, उसमें लिवर संबंधी कई तरह की बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ गया है. इन्हीं में से एक है लिवर सिरोसिस, जो एक तरह की क्रोनिक बीमारी है. यह बीमारी लंबे समय तक लिवर के खराब रहने से होती है. इस बीमारी में लिवर के स्वस्थ ऊत्तक नष्ट होने लगते हैं और ऐसे में लिवर ठीक से अपना काम करना बंद कर देता है. वैसे आमतौर पर इसके लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते, लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे संकेत हैं, जिनकी मदद से आप लिवर सिरोसिस की पहचान कर सकते हैं.
लिवर सिरोसिस के लक्षण क्या हैं? (Fatty Liver Disease in Children)
- उल्टी होना
- कम भूख लगना
- थकावट
- दस्त होना
- पीलिया
- लगातार वजन घटना
- शरीर में खुजली होना
- पेट में तरल पदार्थ बनना
- लिवर सिरोसिस बढ़ने पर लक्षण
- पेशाब का रंग गहरा होना
- यौन इच्छा में कमी
- बाल झड़ना
- उल्टी में खून आना
- नाक से खून आना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- बार-बार बुखार आना
- याददाश्त संबंधी समस्या
लिवर सिरोसिस का खतरा किसे ज्यादा?
- मोटापे से जूझ रहे लोग
- वायरल हेपेटाइटिस से ग्रस्त लोग
- जो लोग सालों से शराब का सेवन कर रहे हैं
- अनियंत्रित डायबिटीज के मरीज
- पहले से ही लिवर की बीमारी से पीड़ित लोग
- लिवर सिरोसिस से बचाव के उपाय क्या हैं?
- शराब का सेवन न करें
- ज्यादा तली-भुनी न खाएं
- मसालेदार खाने से दूर रहें
- असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें
- आहार में ताजी हरी सब्जियां और फलों को शामिल करें
- रोजाना व्यायाम करें
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