कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल में पंचायत चुनाव प्रशासन के साथ ही पुलिस के लिए भी चुनौती भरा रहेगा। जिले के तिघरा से मोहना बेल्ट के 20 गांवों में डकैतों का मूवमेंट चुनाव में परेशानी बनेगा। इन जंगली इलाकों की पंचायतों में डकैत गुड्‌डा गुर्जर की दहशत है। यही वजह है कि इन इलाकों में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के साथ मतदाताओं को भी सुरक्षा की चिंता सता रही है। ग्वालियर पुलिस ने इन संवेदनशील पंचायत की पोलिंग के लिए स्पेशल प्लान तैयार किया है। हर पोलिंग बूथ पर एक मोबाइल टीम होगी। जो हथियारों से लैस होकर हर हरकत पर नजर रखेगी। साथ ही इन इलाकों के जंगल में पुलिस की टुकड़ियां लगातार सर्चिंग करेंगी।

मुरैना जिले से सटे ग्वालियर के तिघरा, मोहना, घाटीगांव के जंगल में 20 पंचायत क्षेत्रों में डकैतों का मूवमेंट रहता हैं। जिले की 13 पंचायतों में डकैत गुड्‌डा गुर्जर का खौफ रहता है। इन पंचायतों में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और मतदाताओं को डकैत गुड्डा गुर्जर का डर सता रहा है। ये लोग मानते हैं कि गैंग पंचायत चुनाव में अपने खास लोगों के पक्ष में माहौल बनाएंगे, विरोध करने वालों पर डकैत गिरोह दबाव डालने धमकाने का काम करेगा।

डकैत गुड्‌डा गैंग में 5 से 6 डकैत हैं। गैंग के पास इस समय 275 एनपी बोर बंदूक, 315 बोर बंदूक, एक दुनाली और एक सिंगल शॉट बंदूक मौजूद है। साथ ही बड़ी मात्रा में देशी कट्‌टे भी हैं। गैंग जंगल में 2 पार्ट में बंटकर मूवमेंट करती है। कभी पुलिस एक पार्ट को घेर ले तो डकैत गिरोह की दूसरी टीम पुलिस पर काउंटर अटैक कर सके। गुड्डा के खौफ को दिखते हुए पुलिस ने भी पंचायत चुनाव के लिए एक्शन प्लान बनाया है। पुलिस गुड्‌डा के मूवमेंट वाली पंचायतों के लिए अलग प्लानिंग कर रही है। इन इलाकों में चुनाव के दो दिन पहले से मोबाइल टीम तैनात रहेगी। जो हर तरह के हथियारों से लैस होगी। यहां चुनाव कराने वाले दल भी पूरी सुरक्षा से लैस रहेंगे। यहां पल-पल पर पुलिस नजर रखेगी। एक भारी भरकम टीम यहां रिजर्व रहेगी जो किसी भी स्थिति और हालात से निपटने में सक्षम होगी। उसे पॉइंट तक पहुंचने में सिर्फ 10 मिनट लगेंगे।

एसएसपी अमित सांघी ने बताया कि गुड्डा गुर्जर पर 35 हजार रुपए का इनाम है। डकैत गुड्डा उर्फ जितेन्द्र उर्फ जंडेल गुर्जर पर चंबल रेंज से 30 और ग्वालियर पुलिस की तरफ से 5 हजार का इनाम है। पुलिस के रिकॉर्ड में मुरैना से मोहना तक गुड्डा गैंग पर हत्या, लूट, मवेशी चोरी, खिरखाई (जंगल में मवेशी रखने की जगह) और पत्थर माफियाओं से टैरर टैक्स के अपराध दर्ज हैं। वैसे तो वह मुरैना की सीमा में ज्यादा वारदात करता है, लेकिन जब मुरैना में उस पर फंदा कसा जाता है तो वह ग्वालियर अंचल के जंगल में पनाह ले लेता है। अभी पंचायत चुनाव में मुरैना पुलिस उसे खदेड़ेगी तो वह यहां आकर शरण लेगा और पंचायत चुनाव प्रभावित करेगा।

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