बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे End-To-End Financial Investigation (शुरू से अंत तक वित्तीय जांच) अभियान के तहत बीते दिनों नशा तस्कर गिन्नी जांगडे उर्फ गोदावरी जांगडे की नशे के अवैध कारोबार से कमाई गई 35 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त किया था। इस मामले में अब मुंबई की सफेमा कोर्ट ने गिन्नी जांगडे की जब्त संपत्ति को फ्रिज करने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत मिनी बस्ती में रहने वाली गिन्नी जांगडे उर्फ गोदावरी जांगडे अवैध रूप से नशीली दवाइयां बेचने का काम कर रही थीं। पुलिस ने उनके बैंक अकाउंट की जांच की, जिसमें करोड़ों रुपये का लेन-देन पाया गया। इसके बाद जांच में यह खुलासा हुआ कि उनका कोई वैध व्यवसाय नहीं है। इसके अलावा, राजस्व विभाग से जानकारी लेकर यह पता चला कि गिन्नी जांगडे ने अपनी अवैध गतिविधियों से अर्जित संपत्ति खरीदी थी।

सफेमा कोर्ट ने संपत्ति का फ्रीजिंग आर्डर किया जारी

बिलासपुर पुलिस ने बीते 15 दिसंबर 2024 को गिन्नी जांगडे की संपत्ति को जब्त करने के लिए सफेमा कोर्ट मुंबई को प्रतिवेदन भेजा था, जिसके बाद सफेमा कोर्ट ने आज यानी 2 जनवरी 2025 को एनडीपीएस एक्ट की धारा 68F(2) के तहत गिन्नी जांगडे की संपत्ति को फ्रिज करने का आर्डर जारी किया है।

क्या होता है सफेमा एक्ट

तस्करी के मामले में फरार आरोपियों के खिलाफ सफेमा (स्मगलर्स एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनुपुलेटर्स एक्ट-1976) के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें फरार आरोपियों की संपत्ति की जांच कर स्थानीय अधिकारी मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत करते हैं। इसमें 10 साल के अंदर आरोपी द्वारा खुद के या फिर उसके दोस्त या फिर रिश्तेदारों के नाम से एकत्र संपत्ति की जांच की जाती है। अधिक संपत्ति होने पर कोर्ट संबंधित को नोटिस जारी करती है। संबंधित को कोर्ट में उपस्थित होकर संपत्ति की जानकारी देना होती है। यदि वह ऐसा नहीं करता तो उसकी संपत्ति जब्तकर विक्रय की जाती है।

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