राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद की कमी का मुद्दा सड़क से लेकर सदन तक पहुंच गया है. इसे लेकर सियासत गरमा गई है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुना सांसद केपी यादव के बीच मतभेद संसद तक पहुंच चुका है. केपी यादव ने लोकसभा में खाद की कमी का मुद्दा उठाते हुए सिंधिया के दावे को झुठला दिया. उन्होंने कहा कि गुना लोकसभा क्षेत्र में डीएपी और यूरिया की कमी है. पहले डीएपी की कमी हुई अब यूरिया की कमी है.

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गुना सांसद केपी यादव ने कहा कि भारत सरकार के पास उर्वरक की कोई कमी नहीं है. इस वर्ष समय पर पर्याप्त वर्षा हो जाने के कारण और रबी फसल का क्षेत्रफल बढ़ जाने के कारण लोकसभा क्षेत्र में एक ही समय मे खाद की मांग बढ़ गई है. इससे किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

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इससे पहले 4 दिसंबर को गुना पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया था कि डीएपी की कमी होने पर रैक पर रैक पहुंचाई गई थीं. गुना, शिवपुरी, अशोकनगर के लिए खाद की कोई कमी नहीं हुई थी. उन्होंने कहा था कि डबल इंजन की सरकार भारतीय जनता पार्टी की है. आप चिंता मत करना, जो यूरिया की कमी थी, एक के ऊपर एक रैक भिजवा रहा हूं. यूरिया की ग्वालियर, गुना और अशोकनगर कहीं भी खाद की कमी नहीं आने दूंगा, ये विश्वास मैं आपको दिलवाता हूं.

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बता दें कि बीजेपी प्रत्याशी रहे केपी यादव ने 2019 के चुनाव में सिंधिया को पराजित किया था. सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद दोनों की खटास चर्चा का विषय बनी हुई है. बता दें कि मप्र के खाद की कमी के चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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