रायपुर। छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि वित्त विभाग के अधिकारी फाइलों को पेंडिंग में रखते हैं, ऐसे में बजट का औचित्य ही क्या है. वित्त विभाग में फाइलों को क्या अटकाने के लिए भेजा जाता है? उन्होंने आरोप लगाया कि नवीन मद, प्रतिबंधित मद के नाम पर वित्त विभाग सालोंसाल फाइलों को रोक देता है.

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि विधानसभा में जब पारित कर दिया गया है, तो किस आधार पर वित्त विभाग फ़ाइलों पर अड़ंगा लगाता है. उन्होंने कहा कि क्या वित्त विभाग अड़ंगा लगाने के लिए बनाया गया है?

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि विकास के कामों को रोकने की परिपाटी बन गई है. हर फाइलों को वित्त की अनुमति के लिए भेजा जाता है. कई विभागों में फाइलों को वित्त विभाग की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा जाता है.

विकास पागल हो गया है- सत्यनारायण शर्मा

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जुमले ‘विकास पागल हो गया है’ को सत्यनारायण शर्मा ने यहां विधानसभा में भी दोहराया. उन्होंने कहा कि कार्यालय प्रमुख को 15 हजार रुपए के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खरीदने की अनुमति दी गई है. कौन सा कंप्यूटर 15 हजार रुपए में आता है.

उन्होंने कहा कि विभागों में वाहन 5 लाख में खरीदे जाते हैं. आपके बड़े अधिकारियों के बंगले में चार-चार वाहन खड़े हैं. साहब की नौकरानी के लिए सब्जी खरीदने के लिए वाहन आरक्षित है. सत्यनारायण ने तंज कसते हुए कहा कि बड़े अधिकारी 16 लाख रुपए की गाड़ियों में घूमते हैं, लेकिन छोटे अधिकारी को 5 लाख रुपए की गाड़ी खरीदने में भी दिक्कत खड़ी होती है.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में फाइनेंशियल डिसिप्लिन दिखाई नहीं पड़ रहा, बेतरतीब खरीदी पर रोक लगाने की जरूरत है. सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि विभागाध्यक्ष स्तर के 6-6 अधिकारियों को वित्त विभाग में लगा रखा है. राज्य में 25 लाख बेरोजगार हैं और सरकारी विभागों में एक लाख पद खाली हैं.