दिल्ली। अब जीएसटी फाइल करने में देरी होने पर व्यापारियों को सिर्फ पांच सौ रुपये प्रति रिटर्न फाइन देना होगा।
सरकार ने फैसला लिया है कि मासिक और तिमाही बिक्री रिटर्न तथा कर भुगतान फार्म देरी से भरने को लेकर जुलाई 2020 तक अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपये प्रति रिटर्न से ज्यादा नहीं लिया जाएगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहाकि, जीएसटी करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार ने जुलाई 2017 से जुलाई 2020 की अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी फार्म भरने को लेकर अधिकतम विलम्ब शुल्क 500 रुपए प्रति रिटर्न पर सीमित कर दिया है। यह सुविधा तभी उपलब्ध होगी जब इस अवधि की जीएसटीआर-3बी रिटर्न 30 सितंबर 2020 से पहले भर दी जाए।
सीबीआईसी ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहाकि अगर कोई कर देनदारी नहीं बनती है तो व्यापारियों को कोई विलम्ब शुल्क नहीं देना होगा। अगर कोई कर देनदारी बनती है, तो अधिकतम विलम्ब शुल्क 500 रुपए प्रति रिटर्न लगेगा लेकिन इसके लिए जरूरी है कि जीएसटीआर-3बी रिटर्न 30 सितंबर 2020 तक दाखिल कर दी जानी चाहिए।