दिल्ली. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट फैसलों का हिंदी में अनुवाद करने की ऐतिहासिक पहल कर रहा है, वहीं सदियों पुराने कानूनी पेंच के चलते अनजाने में कार पर हिंदी में नंबर लिखवाना एक कवि महोदय को महंगा पड़ा. उन्हें इसकी कीमत अदालत में जुर्माना भरकर चुकानी पड़ी. हालांकि अदालत ने थोड़ी नरमी बरती और हिंदी में कार पर नंबर प्लेट लगाने वाले इस कवि के दो हजार रुपये के जुर्माने को एक हजार रुपये कर दिया.

द्वारका स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह की अदालत ने इस मामले में वाहन मालिक सौरभ जैन को आंशिक राहत दी. हालांकि इससे पहले वाहन मालिक सौरभ की तरफ से हिंदी में नंबर प्लेट पर यातायात पुलिस द्वारा चालान किए जाने पर आपत्ति की गई. इस पर अदालत ने अपने मातहत कर्मचारियों को विशेषतौर पर कानून का उल्लेख करने को कहा गया. आधा घंटे तक मोटर व्हीकल एक्ट का अध्ययन करने के बाद बताया किया सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट (अधिनियम) के धारा 50-डी के तहत हिंदी अथवा अन्य किसी भाषा में वाहन पर नंबर प्लेट लगाना कानूनन अपराध है. इसके लिए जुर्माने का प्रावधान है. साथ ही अदालत को यह भी सूचित किया गया कि वाहनों पर अंग्रेजी में ही नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है. इसके बाद अदालत ने कानून की अनिवार्यता को देखते हुए वाहन मालिक सौरभ जैन को एक हजार रुपये का जुर्माना भरने के आदेश दिए.

दरअसल, पेशे से कवि सौरभ जैन उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहते हैं. सौरभ जैन ‘सुमन’ के नाम से पहचाने जाने वाले ये कवि महोदय 30 सितंबर 2018 की शाम अपनी उत्तर प्रदेश नंबर की कार से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आए थे. यहां से उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी. सौरभ जैन को एयरपोर्ट पर छोड़कर उनका ड्राइवर वापस मेरठ लौट रहा था, तभी धौलाकुंआ लालबत्ती पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने कार को रोक लिया. ड्राइवर को बताया गया कि उनके वाहन की नंबर प्लेट हिंदी में है जोकि यातायात नियम का उल्लंघन है. इसके लिए दो हजार रुपये का चालान किया गया. ड्राइवर ने नगदी न होने की बात कहकर चालान अदालत में भरने को कहा.

सौरभ जैन ने अदालत की प्रक्रिया से संतोष जताया। उनका कहना था कि उन पर लगा जुर्माना कानूनी तौर पर सही है लेकिन हिंदी का कवि होने के चलते हिंदी को बढ़ावा देना चाहते हैं. इसके लिए वाहन पर हिंदी में नंबर प्लेट के लिए उन्होंने अभियान छेड़ दिया है. इसके लिए उन्होंने फेसबुक पर एक समूह बनाया है. पांच सौ से ज्यादा लोगों ने उनकी पोस्ट को शेयर किया है. इतना ही नहीं उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह हिंदी में नंबर प्लेट के लिए प्रधानमंत्री के पोर्टल पर अपना पक्ष लिखे. इसके अलावा प्रधानमंत्री एवं अन्य संबंधित विभागों को पत्र भी लिखें.