घूसखोरी के आरोपी जिला एवं सत्र न्यायाधीश (District and Sessions Judge) पर ACB (Anti Corruption Bureau) ने एफआईआर (FIR) दर्ज किया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक मुकदमें में जमानत देने के लिए वादी के पत्नि से 5 लाख रुपये मांगे थे. पीड़िता ने जज सहित तीन लोगों के खिलाफ ACB में शिकायत की थी. शिकायत सही पाए जाने पर चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. वहीं जज की गिरफ्तारी के लिए हाईकोर्ट से अनुमित मांगी है. ACB से मिली जानकारी के अनुसार ACB हाईकोर्ट (High Court) से गिरफ्तारी पर इजाजत की प्रक्रिया पूरा कर रही है जिसके बाद जज (Judge) को गिरफ्तार किया जाएगा.
गौरतलब है कि बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में मृतक अतुल ने मरने से पहले 24 पेज का सुसाइड नोट और 81 मिनट का एक वीडियो बनाया था, उसमें उन्होंने देश की न्याय पालिका और सिस्टम पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. अतुल ने कोर्ट में पेशकार से लेकर जज की भूमिका पर सवाल खडे कर केस निपटाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे. इसे लेकर अभी बहस चल ही रही थी कि महाराष्ट्र के एक जिला जज पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत के मामले में एफआईआर दर्ज किया है.
यह चौंकाने वाला मामला महाराष्ट्र के सतारा जिले का है. एसीबी ने ने यहां के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पीड़िता ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत तीन लोगों की शिकायत पुणे शाखा की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से की थी. इन पर एक मुकदमें में जमानत देने के लिए 5 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप है. यह रकम वादी के पत्नि से मांगी गई थी.
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पुणे की एसीबी की टीम ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत सही पाए जाने पर केस दर्ज किया है. दर्ज की गई एफआईआर में जमानत के बदले 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने का जिक्र है. आरोपियों में जिला जज भी शामिल हैं. जज की गिरफ्तारी के लिए एसीबी ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अनुमति मांगी है. इस मामले में एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि जज को गिरफ्तार करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट की अनुमति को लेकर प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता महिला 9 दिसंबर को आरोपी जज के साथ सौदा करने के लिए सतारा पहुंची थी. इस दौरान जज अकेले ही कोर्ट परिसर के बाहर खुद गाड़ी चलाकर पहुंचे. यहां पहले से मौजूद दो अन्य आरोपी उनका इंतजार कर रहे थे. शिकायतकर्ता का आरोप है कि दोनों लोग रिश्वत का पैसा लेने के लिए महिला के पास पहुंचे थे. महिला ने उनसे कहा कि वह जज के साथ उसकी मुलाकात फिक्स करने वाले व्यक्ति के अलावा किसी और को पैसे नहीं देगी.
इन धाराओं के तहत किया केस दर्ज
पूरे मामले में एसीबी की पुणे यूनिट के डिप्टी एसपी दयानंद गावड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायाधीश और उनके कथित सहयोगियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7-ए (लोक सेवक से रिश्वत लेना) और 12 (अपराध के लिए उकसाना) तथा नई दंड संहिता बीएनएस की धारा 3 (5) (सामान्य इरादा) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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