कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर के प्रखर परमार हत्याकांड मामले में यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने निगम कर्मी करण वर्मा और उसके दो साथी हर्षित सक्सेना और भानु वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। मंगलवार शाम को आरोपियों ने 23 साल के प्रखर परमार का अपहरण कर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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एसएसपी अमित सांघी का कहना है कि हत्या के पीछे की कहानी आरोपियों ने बताई है कि करण ने भवन निर्माण की अनुमति दिलाने के नाम पर प्रखर के पिता प्रशांत से लगभग 9 लाख लिए थे, जिसके अनुमति ना होने पर उसे वापस करने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा था, उसी के चलते उसने यह हत्या की वारदात कारित की है। हालांकि पुलिस को उनकी कहानी पर संदेह है, यही वजह है कि पुलिस ने सभी सबूत मिलने के बावजूद हत्या के पीछे की वजह को और गहराई से जांच ने पड़ताल जारी रखी है।

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ये है पूरा मामला

दरअसल, 27 दिसंबर को करण वर्मा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर मशहूर कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे की निर्मलता से गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने वह छत्तीसगढ़ नंबर पर रजिस्टर्ड कार में उसके शव को डिग्गी में रखकर उत्तर प्रदेश के झांसी ले गए, जहां शिवपुरी बाजार अंतर्गत सुनसान इलाके में उसके शव पर पेट्रोल डालकर जला दिया। मृतक के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी विश्वविद्यालय थाना पुलिस में दर्ज कराई थी। पुलिस लगातार मामले की जांच में जुटी हुई थी। इसी दौरान संदेह के आधार पर नगर निगम में कर्मचारी करण वर्मा को राउंडअप किया और जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या करने की बात कबूल की।

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करन ने बताया कि उसके साथ भानु और हर्षित ने भी वारदात में उसका साथ दिया है। हत्या करने के पीछे की वजह उसने बताया कि प्रखर के पिता प्रशांत परमार ने शहर के एक इलाके में भवन निर्माण की अनुमति कराने के लिए उसे साढ़े 7 लाख रुपये के साथ डेढ़ लाख रुपए उधार दिए थे। भवन निर्माण की अनुमति ना होने पर प्रशांत परमार लगातार रुपए वापस करने के लिए दबाव बना रहा था। जिसका बदला लेने के लिए उसने प्रखर की हत्या की है। हालांकि पुलिस ने आरोपी की द्वारा बताई गई कहानी पर संदेह जताया है। यही वजह है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

हत्यारों के घर तोड़ने की मांग

प्रखर ने परिजनों ने हत्यारों के घर तोड़ने को लेकर गुरुवार को जोरदार हंगामा किया। जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले पर विचार करने के बाद कार्रवाई की बात कही है। बता दें कि प्रशांत परमार मशहूर कॉलेज संचालक हैं जिनके देशभर में कई कॉलेज संचालित हो रहे हैं। प्रशांत ने ही करण वर्मा की खराब माली हालत को देखते हुए उसकी पढ़ाई लिखाई कराई थी। वहीं नगर निगम में नौकरी भी लगवाने में उसकी मदद की थी और करण वर्मा ने महज कुछ रुपए के लालच में आकर प्रशांत के बेटे प्रखर को मौत के घाट उतार दिया।

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