पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. शासन अब गौड़ खनिज के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के मामले में भी अभियान चलाने का निर्देश जारी कर दिया है. गरियाबंद कलेक्टर आकाश छिकारा ने इस आदेश के पालन के लिए माइनिंग विभाग को निर्देश जारी किया है. खनिज अधिकारी फागुलाल नागेश ने बताया कि रेत, मुरम, गिट्टी जैसे खनिज के अवैध भंडारण, परिवहन और उत्खनन के मामले में पहले केवल चलानी और जुर्माना की कार्रवाई होती थी. अब नए नियम के मुताबिक इस मामले में अभियोजन चलाने सीधे पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया जाना है. खान व खनिज अधिनियम 1957 के तहत निहित विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत अधिकतम 5 वर्ष का कारावास और प्रति हेक्टेयर 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.
देवभोग से लेकर राजिम तक रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है. वहीं पुलिस के ढुलमुल रवैये के चलते कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं. लेकिन अब नए निर्देश के बाद कारोबारियों में खलबली मची हुई है. एक अनुमान के मुताबिक जिले के 10 से ज्यादा ऐसे खदान हैं जो राजनीति रसूख से चल रहे हैं. जिसमें हर महीने 30 लाख से ज्यादा की कमाई होती है. अब शिकायत कर्ता केवल खनिज विभाग को नहीं सीधे थाने में जाकर भी इसकी शिकायत दर्ज करा सकेगा. कलेक्टर आकाश छिकरा के इस नए निर्देश के बाद माना जा रहा है कि जिले में रेत के अवैध कारोबार पर लगाम लगेगी.
देवभोग में रॉयल्टी के नाम पर हो रही उगाही
खनिज नियम के मुताबिक जुलाई महीने में रेत निकासी पर प्रतिबंध रहता है. विभाग किसी प्रकार की रॉयल्टी पर्ची भी जारी नहीं करता. लेकिन इसके बावजूद रॉयल्टी के नाम पर यहां अवैध उगाही जारी है. अवैध रॉयल्टी के चलते पीएम आवास बनाने वाले हितग्राहियों को अतरिक्त आर्थिक बोझ का भी सामना करना पड़ रहा है. नए निर्देश के बाद अब हितग्राहियों को भी राहत मिलेगी.
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