शब्बीर अहमद, भोपाल। लोकसभा चुनाव में इंडिया एलायंस के बीच पहला समझौता हो गया है। सपा और कांग्रेस के बीच ये गठबंधन तय हुआ है। सीट शेयरिंग सिर्फ उत्तरप्रदेश ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में भी हुई है। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को यूपी से सटे खजुराहो लोकसभा सीट देने पर फैसला किया है। खजुराहो से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूदा सांसद है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का ये समझौता बीजेपी के रणनीतिकार वीडी शर्मा की उनकी सीट पर घेराबंदी करने की प्लानिंग तौर पर देखा जा रहा है। 

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खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को देने के पीछे सपा का वोट बैंक माना जा रहा है। यूपी से सटे होने के कारण इस सीट पर समाजवादी पार्टी का भी असर है। कांग्रेस की ये कोशिश है कि अपने और सपा के वोट बैंक को एकजुट किया जाए और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को उनकी सीट पर घेरा जाए। अब दोनों पार्टियां इसमें कितनी कामयाब हो पाती है, ये तो चुनाव के बाद आने वाले परिणाम से मालूम चल सकेगा। लेकिन खजुराहो लोकसभा में आने वाली 8 विधानसभा में से एक सीट में भी कांग्रेस और सपा का विधायक नहीं है। सभी आठों विधानसभा सीट पर 2023 विधानसभा में बीजेपी का कब्जा है। 

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पिछले लोकसभा चुनाव में भी खजुराहो से बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की थी। साल 2019 में आखिरी समय पर वीडी शर्मा को पार्टी ने इसी लोकसभा से टिकट दिया था और उन्होंने करीब 5 लाख वोटों से बंपर जीत हासिल की थी। ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। 1999 में आखिरी बार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी लेकिन पिछले चार चुनाव से लगातार ये सीट बीजेपी जीत रही है। खजुराहो लोकसभा में कुल आठ सीट आती है जिसमें से छतरपुर जिले की 2, पन्ना और कटनी जिले की तीन-तीन सीट है। अब देखना होगा सपा-कांग्रेस का यह गठबंधन बीजेपी और वीडी शर्मा को घेरने में कितना सफल हो पाते हैं।

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बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों पार्टियों के बीच में गठबंधन को लेकर बैठकें हुई थी। लेकिन आखिरी समय पर सीट शेयरिंग पर समझौता नहीं हो पाया था जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया था। वहीं कमलनाथ के बयान के बाद कांग्रेस और अखिलेश यादव के बीच में तल्खी बढ़ गई थी। अखिलेश की तरफ से काफी सख्त बयान उस वक्त सामने आया था जब एमपी विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच समझौता नहीं हो पाया था। 

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