pumpkin cultivation : सितंबर और अक्टूबर का महीना कद्दू की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. अगर आप भी कद्दू की खेती करना चाहते हैं तो सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. इसे हर भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण और स्वादिष्ट सब्जी के तौर पर पकाया और खाया जाता है. कद्दू एक ऐसी सब्जी है, जिसे फल और सब्जी दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. एक रिपोर्ट से पता चला है कि ये दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाली सब्जी है.

काशी हरित

हरे रंग और चपटे गोला आकार वाली यह प्रजाति बुवाई के 50 से 60 दिनों के बीच में पक कर तैयार हो जाती है. इस किस्म का एक ही फसल करीब 3.5 किलोग्राम का होता है और काशी हरित के एक ही पौधे से चार से पांच फल मिल जाते हैं. प्रति हेक्टेयर खेत में इसकी फसल लगाकर करीब 400 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं.

पूसा विश्वास

देश के उत्तरी राज्यों में उगाई जाने वाली कद्दू की पूसा विश्वास किस्म प्रति हेक्टेयर खेत से 400 क्विंटल तक उत्पादन देती है. इसके फलों का रंग हरा होता है, जिन पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं. पूसा विश्वास के एक ही फल का वजन करीब 5 किलोग्राम होता है, जो बुवाई के 120 दिनों के अंदर तुड़ाई के लिये तैयार हो जाता है. प्रत्येक प्रति हेक्टेयर जमीन पर इसे उगाकर 400 क्विंटल का क्वालिटी उत्पादन ले सकते हैं.

नरेंद्र आभूषण

इस किस्म के कद्दू का मध्यम गोल आकार होता है, जिसपर गहरे हरे रंग के दाग होते हैं. इस किस्म के फल पकने के बाद नारंगी रंग के हो जाते हैं, जिन्हें उगाकर प्रति हेक्टेयर खेत में 400 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं.