बठिंडा. जिले का स्वास्थ्य विभाग डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों को लेकर बहुत गंभीर नहीं दिख रहा है. डेंगू से लगभग दो महीने पहले 28 जुलाई को एक पीड़ित की मौत हुई थी. उसकी स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बोर्ड ने अब पुष्टि की है. इसी तरह से हर रोज मिलने वाले डेंगू के मरीजों का खुलासा करने में भी सेहत विभाग आनाकानी करता है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दलील रहती है कि, मरीजों की संख्या बताने से पैनिक फैलने की आशंका रहती है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक केस मिलने से जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 473 हो गई. वर्तमान में 20 मरीज एक्टिव हैं, जिसमें 3 मरीज इलाज के लिए अस्पतालों में दाखिल हैं. सरकारी अस्पताल के डेंगू वार्ड में 6 बेड की व्यवस्था की गई है. शनिवार को डेंगू वार्ड में 5 मरीज दाखिल थे.
जिले में 1488 डेंगू संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच की गई है, जिसमें 1091 सैंपल सरकारी अस्पताल में लिए गए हैं. टेस्ट दौरान 375 मरीज पॉजिटिव मिलें हैं. शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में 397 सैंपल लिए गए है, जिसमें 98 मरीज पॉजिटिव मिले हैं. अक्टूबर के पहले सप्ताह में 5 नए डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो वार्ड में अतिरिक्त बेड का इंतजाम करना पड़ेगा. वार्ड में दाखिल मरीजों को मच्छर से बचाने के लिए बेड पर मच्छरदानी लगाया गया है, लेकिन मरीज मच्छरदानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं.
वहीं वार्ड में दाखिल मरीज ने बताया कि, बुखार होने पर अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने डेंगू टेस्ट लिखा. तीन-चार दिन से अस्पताल में दाखिल हैं. दिन के समय डॉक्टर और स्टाफ नर्स राउंड करने आते हैं, लेकिन रात में कोई नहीं मिलता. जरूरत पड़ने पर एमरजेंसी वार्ड में जाना पड़ता है. सिविल सर्जन बठिंडा डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लो ने बताया कि, अगर मरीजों की संख्या बढ़ी तो बेड भी बढ़ा देंगे, अगर किसी को बुखार होता है तो माहिर डॉक्टरों की सलाह से पहले जांच कराएं और फिर उपचार कराएं.
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