नासिर बेलिम, उज्जैन। धर्म नगरी उज्जैन में रक्षा बंधन त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे अहम माने जाने वाले बाबा महाकाल के दरबार में आज सुबह 3 बजे भस्मारती के दौरान बाबा  को विशेष राखी बांधी गई. साथ ही सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया. ऐसी मान्यता है की बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाती है. यहां कोरोना गाइडलाइन के तहत भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा. श्रावण मास का अंतिम दिन व पूर्णिमा तिथि होने की वजह से यहां विशेष भस्म आरती की गई.

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दरअसल, सावन माह का आज अन्तिम दिन होने के कारण महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई. भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद व फलों के रसों से अभिषेक हुआ. अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए. इसके बाद बाबा को भस्म चढाई गई. भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई.

भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हैं, इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है. हालांकि यह कोरोना गाइडलाइन के कारण भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा. भस्म आरती के बाद सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक लगातार श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे.

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बता दें कि आज रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल को विशेष राखी बांधी गई. मान्यता है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में हर शुभ कार्य की शुरुआत बाबा महाकाल के दरबार से होती है. सुबह भस्मारती में श्रृंगार के बाद बाबा को राखी बांधी गई. इस मौके पर बाबा के दरबार में सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया. इस भव्य भस्म श्रंगार और भोग के साथ महाआरती की गई. सदियों से चली आ रही परंपरा के तहत बाबा महाकाल के दरबार में पण्डे पुजारियों द्वारा सबसे पहले राखी बांधकर विश्व कल्याण और कोरोना मुक्ति की कामना की गई.

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