दिल्ली। देश में एक ऐतिहासिक बदलाव पहली बार देखने को मिला। केरल में पहली बार मंदिरों की सर्वोच्च संचालक संस्था त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने अपने प्रबंधन वाले तीर्थस्थल में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का पुजारी तैनात किया।
केरल सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए करीब 1200 धर्मस्थलों की देखरेख करने वाले बोर्ड में एक जनजाति यानि एसटी और 18 अनुसूचित जाति एससी के अंशकालिक पुजारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। त्रावणकोर देवासम बोर्ड एक स्वायत्त मंदिर संस्था है। ये भगवान अयप्पा के मशहूर सबरीमाला मंदिर समेत दक्षिण भारतीय राज्य के बहुत सारे मशहूर धर्मस्थलों का प्रबंधन संभालती है। इस बारे में केरल के देवासम मंत्री कादाकंपाली सुरेंद्रन ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दी।
मंत्री ने बताया कि त्रावणकोर देवासम बोर्ड में अंशकालिक पुजारियों के पदों के लिए 310 लोगों का चयन किया गया था। एससी/एसटी श्रेणी की परीक्षा के लिए उस समय पर्याप्त उम्मीदवारों के नहीं मिलने के कारण बाद में विशेष अधिसूचना जारी की गई थी। बोर्ड में एसटी श्रेणी की चार रिक्तियां हैं लेकिन केवल एक ही आवेदन प्राप्त हुआ। जिसके बाद बोर्ड ने अनुसूचित जनजाति के पुजारी को नियुक्त करने का फैसला लिया। गौरतलब है कि केरल राज्य सरकार ने विभिन्न मंदिरों में करीब 100 गैर ब्राह्मण पुजारियों का चयन किया है।