अब तालाब में बीमारी फैलने से पहले ही उन्हें इसकी जानकारी मिल जाएगी. इससे वे मछलियों की मौत से होने वाले नुकसान से बच जाएंगे. दरअसल, जलीय पशु रोगों के लिए राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम (एनएसपीएएडी) परियोजना ने एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया है. इस एप्लीकेशन के जरिए किसान घर बैठे-बैठे तालाब में फैलने वाली बीमारियों की जांच कर पाएंगे.

साथ ही वे इसके माध्यम से मछली के स्वभाव पर भी नजर रख सकेंगे. एनएसपीएएडी का मानना है कि इस ऐप से मछली पालकों को काफी मदद मिलेगी. वे मछली और तालाब में फैलने वाले रोग की जांच बिना किसी खर्च पर कर पाएंगे. Read More – जल्द वेब सीरीज में नजर आएंगे किंग खान के बेटे Aryan Khan, शाहरुख के जीवन पर बनेगी सीरीज …

मछली पालकों को मिलेगा फायदा

एनएसपीएएडी परियोजना ने कहा है कि मोबाइल एप्लीकेशन का उद्देश्य मछली किसानों को उनके तालाबों में बीमारियों की रिपोर्ट पाने के लिए सुविधाजनक और कुशल मंच देना है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक इस एप्लीकेशन का इंटरफेस आसान है, जिससे मछली किसानों को इसे ऑपरेट करने में आसानी होगी. इससे रोग के प्रकोप की आसानी से रिपोर्ट मछली पालकों को मिल सकेगी. Read More – नन्हीं परी को संभालते नजर आई Rubina Dilaik, एक्ट्रेस ने बॉडीकॉन हाई-स्लिट ड्रेस में दिखाया अपना फिगर …

इसलिए विकसित किया ऐप

एनएसपीएएडी परियोजना के सहयोगी भागीदारों में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी (सीआईएफटी) भी है. जलीय कृषि किसानों को उचित उपयोग के बारे में निर्देश प्रदान करने के लिए ‘रिपोर्ट फिश डिजीज’ ऐप विकसित किया गया है. यह ऐप जलीय पशु रोगों के निदान, रोकथाम, नियंत्रण और उपचार को सुनिश्चित करने के लिए बड़ा माध्यम साबित होगा. इसकी मदद से जलीय कृषि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए समाधान प्रदान किया जाएगा.