Fish Farming Tips : चढ़ते तापमान का असर तालाब की मछलियों पर भी देखने को मिल रहा है. 40 डिग्री और कहीं-कहीं उससे भी ऊपर पहुंच चुके तापमान के बीच तालाब का पानी भी चाय के पानी जैसा हो जाता है. फिश एक्सपर्ट की मानें तो 31 डिग्री से ऊपर का तापमान मछली के लिए जानलेवा होता है. और इस वक्त तो देशभर के बहुत सारे राज्यों में तापमान 38 से लेकर 42 डिग्री तक पहुंच रहा है. ऐसे में मछलियों के तालाब का पानी उबलने जैसा हो जाता है. पानी तेज गर्म होने के चलते उसमे ऑक्सींजन की मात्रा भी कम हो जाती है.
इसलिए गर्मी के मौसम में मछली के पालन में किसानों को नुकसान न हो इसके लिए उन्हें कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा. इससे मछली पालन के व्यवसाय पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. चलिए जानते हैं किसानों को किन बातों का रखना होगा ध्यान.
ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन करने के लिए चूना मिला दे (Fish Farming Tips)
मछली पालन कर रहे हैं किसानों के लिए गर्मी के मौसम में मछलियों पर प्रभाव न पड़े इसलिए तालाब का पानी बदलते रहने चाहिए. इसके साथ ही किसानों को तालाब में पानी का लेवल पांच फुट से लेकर साढ़े पांच फुट तक रखना चाहिए. इसके साथ ही किसानों को पानी में ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन करने के लिए उसमें चूना मिला देना चाहिए. तापमान बढ़ने से पानी गर्म होता है और उसमें ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है. ऐसे में चूना ऑक्सीजन के लेवल को मेंटेन करके रखता है.
मछलियों को एक से दूसरे तालाब में शिफ्ट करना बेहतर
गर्मियों का मौसम में मछलियों को कई सारी बीमारी भी हो जाती है. इससे बचने के लिए किसान तालाब के पानी में पोटेशियम परमैग्नेट का छिड़काव कर सकते हैं. इससे मछलियों की बीमारी दूर रहती है और साथ तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा भी सही रहती है. गर्मी का मौसम में अगर तालाब में ज्यादा मछली हो गई है तो फिर किसानों को उन्हें एक ताला में नहीं देखना चाहिए.
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