अजय सूर्यवंशी, जशपुर. वहीं कुछ अज्ञात लोगों ने बादलखोल अभयारण्य के अंदर स्थित गायलूंगा में स्टाॅप डैम का गेट खोलकर पांच लाख लीटर पानी बर्बाद कर दिया, जबकि यह डैम अभयारण्य के अंदर जंगली जानवरों के लिए पानी का इंतजाम करने के लिए बनाया गया है. जल स्रोत सूख जाने से अब जानवरों को पानी को लेकर दिक्कतें हो रही है. क्षेत्र में जंगली जानवर पानी के लिए तरस रहे हैं. साथ ही किसानों की रबी फसल के लिए संकट खड़ा हो गया है.

आपको बता दें कि लुम्बालता में बने स्टाॅप डैम में जंगली जानवरों के साथ आसपास के गांवों के मवेशी भी पानी पीने आते हैं. किसी ने 29 मई की दोपहर डैम में बने लकड़ी के गेट को खोल दिया. इससे डैम से पूरा पानी बह गया. ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि मछली पकड़ने डैम का पानी खाली करने की घटना को अंजाम दिया गया है. अब डैम सूखने के बाद जंगली जानवरों के पानी की तलाश में गांवों में घुसने की आशंका बढ़ गई है.

बादलखोल वन्यजीव अभयारण्य में वन्य जीवन काफी समृद्ध है. इस अभयारण्य में सदाबहार साल के जंगल भी हैं. यहां हाथियों का दल हमेशा आना-जाना करता रहता है. ग्रामीणों की आशंका है कि डैम का पानी खोल देने से हाथी और अन्य वन जीव गांव के नजदीक आ जाएंगे.

जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई: एसडीओ

एसडीओ वीवी केरकेट्टा ने बताया कि सामाजिक तत्वों द्वारा डैम को तोड़कर पानी को बहा दिया गया था. जांच टीम अम्बिकापुर से जशपुर बादल खोल अभ्यारण पहुंची हुई है. हमने ग्रामीणों की बैठक लेकर चेतावनी दी है कि दोबारा इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. जो डैम को तोड़कर ग्रामीणों ने पानी को बहा दिया था उसे ठीक करा दिया गया है. जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध वन अपराध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.