सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। जिज्ञासा प्रोजेक्ट में काम करने वाले शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा. राष्ट्रीय स्तर के इस अवार्ड के लिए प्रदेश के 11 शिक्षकों का चयन हुआ है, जिनमें रायपुर और दुर्ग जिले से 5-5 और राजनांदगांव जिले से 1 शिक्षक शामिल हैं. इसमें शिक्षकों को 1 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी.

वोडाफ़ोन आइडिया फाउंडेशन द्वारा फाइनेंस आईपीई – सीकेडी द्वारा संचालित जिज्ञासा प्रोजेक्ट के अंतर्गत शिक्षकों के सम्मान में अखिल भारतीय स्तर पर अवार्ड प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी, जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर 90 शिक्षकों को यह अवार्ड प्राप्त हुआ है, जिनमें राज्य के 11 शिक्षक शामिल हैं. विदित हो कि जिज्ञासा प्रोजेक्ट राज्य के 3 जिलों रायपुर दुर्ग और राजनांदगांव के 200 स्कूलों में कार्यरत है, जिसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर शिक्षण पद्धति को रोचक बनाना है.

पहली बार है कि राज्य के शिक्षकों को इस अवार्ड प्रोग्राम में सहभागी होने का मौका मिला और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. जिज्ञासा प्रोजेक्ट के अंतर्गत राज्य के रायपुर जिले से 5 शिक्षक कामिनी साहू, रमाकान्त झा, कविता दुबे, सुषमा गोस्वामी और श्वेता मानिकपुरी, दुर्ग जिले से 5 शिक्षक मुकेश कुमार, कल्पना देशपांडे, जूही अग्रवाल, चंद्रशेखर साहू और दुर्गा प्रसाद टंडन के अलावा राजनांदगांव जिले से 1 शिक्षक चंद्रकांत चंद्राकर शामिल हैं.

जिज्ञासा प्रोजेक्ट के राज्य समन्वयक तरुण देवांगन ने बताया कि टीचर्स अवार्ड के लिए इसी साल शिक्षकों से फ़रवरी-मार्च में फॉर्म भरवाए गये थे, और कुल प्रदेश के कुल 20 शिक्षकों में से 11 शिक्षक, विभिन्न राउंड की वेरिफिकेशन के बाद चयनित हुए हैं. उन्होंने बताया कि पहले भी जिज्ञासा प्रोजेक्ट के द्वारा प्रदेश के चिन्हित स्कूलों को विज्ञान यंत्र दिया गया है, जिसकी सहायता से शिक्षक कक्षा में बच्चों को आसानी से पढ़ा सकते है..उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों और अपनी पूरी टीम को दिया.

सम्मान के चयनित शिक्षक कामिनि साहू ने कहा कि जिज्ञासा प्रोजेक्ट के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी पूरी कोशिश होगी कि वोडाफोन-आइडिया फाउंडेशन द्वारा प्रदत्त राशि का उपयोग बच्चों की प्रतिभाओं को आगे लाने और डिजिटली स्मार्ट क्लेसस बनाने में उपयोग हो. स्कूल शिक्षा संचालक जितेंद्र शुक्ला ने सभी पुरस्कार विजेता शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि इससे प्रेरणा लेकर अगले वर्ष इससे ज्यादा संख्या में लोग सम्मान के लिए चयनित हों और शिक्षा स्तर सुधार में योगदान देते रहे हैं.