रायपुर. खाद्य पदार्थाें, आयुर्वेदिक उत्पाद, पर्सनल केयर सहित दैनिक उपयोग की अन्य वस्तुओं के प्रयोगशाला परीक्षण (टेस्टिंग) की सुविधा जल्द ही अब छत्तीसगढ़ में होगी. इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र, खाद्य विभाग के कालीबाड़ी स्थित परीक्षण-प्रयोगशाला और आयुर्वेदिक कॉलेज रायपुर के ड्रग टेस्टिंग प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी.
इन प्रयोगशालाओं के जरिए सर्टिफिकेशन का कार्य भी किया जाएगा. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस संबंध में बैठक ली और अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई जल्द प्रारंभ करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय, कालीबाड़ी और आयुर्वेदिक कॉलेज में पूर्व से स्थापित परीक्षण प्रयोगशालाओं में जल्द से जल्द दैनिक उपयोग की सामग्रियों के गुणवत्ता के लिए सभी प्रकार की जांच प्रक्रिया प्रारंभ की जाए.
इसी प्रकार नवा रायपुर में निर्मित होने वाले उन्नत तकनीकों से युक्त प्रयोगशाला का निर्माण भी जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. छत्तीसगढ़ में जल्द ही एथेनॉल का उत्पादन को देखते हुए इसकी गुणवत्ता के जांच के लिए बायो एथेनाल-बायो डीजल प्रयोगशाला की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. जिन सामग्रियों की जांच इन प्रयोगशालाओं में किया जाना संभव न हो उनके लिए पीपीपी मोड में प्रयोगशाला की स्थापना के संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया.
मुख्य सचिव ने कहा कि अलग-अलग सामग्रियों के परीक्षण एवं टेस्टिंग के लिए अलग-अलग प्रयोगशालाओं का उपयोग करने के संबंध में कार्ययोजना बनाई जा, जिससे प्रयोगशालाओं में एक ही प्रकार के जांच का दुहराव न हो सके.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारियों ने बताया कि प्रयोगशालाओं में उच्च स्तरीय परीक्षण की सुविधा प्रारंभ होने से खाद्य सामग्रियों और पर्सनल केयर की चीजों के रासायनिक और पोषक तत्व, माइक्रोबायलॉजिकल, हैवी मेटल, कीटनाशक की उपलब्धता, पौधों की गुणवत्ता, विषैले तत्वों की उपस्थिति, एनटीबायोटिक्स की उपलब्धता, फैटीएसिड प्रोफाइल, विटामिन और खनिज तत्व, आर्गेनिक गुणवत्ता सहित अन्य जांच संभव हो सकेगी.
इसी प्रकार नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ वेयर हाउस द्वारा खाद्य पदार्थाे की टेस्टिंग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशाला ’स्टेट ऑफ आर्ट’ की स्थापना की जाएगी. बैठक में छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा निर्मित खाद्य पदार्थ- आयुर्वेदिक उत्पाद, पर्सनल केयर उत्पाद सहित अन्य खाद्य सामग्रियों और घरेलू साफ-सफाई के लिए प्रयुक्त होने वाले सामग्रियों के मानक पोषक तत्वों और गुणवत्ता की जांच किए जाने के संबंध में चर्चा की गई.
बैठक में प्रमुख सचिव एवं रोजगार मिशन के कार्यपालन अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मनोज कुमार पिंगवा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा, लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला, राज्य वेयरहाउस के प्रबंध संचालक निरंजन दास, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि के.डी. कुंजाम सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ेंःराजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना का जल्द होगा शुभारंभ, भूमिहीन परिवारों को हर साल मिलेंगे 6000 रुपए
- छत्तीसगढ़ कीखबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरेंEnglish में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक