शरद पाठक, छिंदवाड़ा। एक तरफ देश के करोड़ों लोग हर दिन सिर्फ एक टाइम का खाना खाकर जीवन जीने को मजूर हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक उदासिनता के कारण हजारों करोड़ रुपए के अनाज हर साल खराब हो जाता है। गरीबों को बांटने के लिए खरीदा गया करोड़ों रुपए के अनाज खराब होने का मामला छिंदवाड़ा के चौरई के चंदनवाड़ा का है। यहां 1 लाख 26 हजार क्विंटल धान पिछले एक साल से खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है। इसके कारण धान मौसम की मार पड़ने के कारण खराब होकर बरबाद हो चुका है। खराब हुए धान की कीमत 24 करोड़ रुपए है। मामला सामने आने के बाद छिंदवाड़ा के प्रभारी मंत्री और कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) मामले की जांच करवाकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं। 

बता दें कि कुछ दिन पहले जिले चौरई के चंदनवाड़ा के ओपन कैंप में ही 14 हजार मेट्रिक टन गेंहू खराब होने का मामला Lalluram.Com ने उठाया था। कैंप में रखा 26 करोड़ का गेंहूं भीगने के कारण सड़ गया था। अगर हम केवल इस कैंप में बर्बाद हुए गेहूं और धान की कीमत का आकलन करें तो 50 करोड़ से ऊपर का नुकसान सामने आया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे प्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही के कारण कितने अरबों रुपए का नुकसान हुआ होगा।

कैंप में  1.90 लाख क्विंटल रखा गया था धान 

गरीबों को बांटने के लिए 2020 में 1868 रुपए क्विंटल के समर्थन मूल्य पर 1 लाख 26 हजार 362 क्विंटल धान खरीदा गया था। धान की कीमत 23 करोड़ 71 लाख रुपए है। धान के खराब होने के कारण इंसानों के खाने लायक नहीं बचा है। कैंप में कुल 1,90,442 क्विंटल धान रखा गया था, जिसमें से 71,080 कुंटल धान का परिवहन हुआ था। शेष 1,26,362 क्विंटल यहीं पर पिछले एक साल से रखा हुआ है। इसके कारण पानी में भीग कर धान खराब हो गया है।

धान सड़के के बाद अधिकारी अब इमिग्रेशन की कह रहे बात 

धान के खराब होने के कारण इसे मिलर भी लेने से इंकार कर रहे हैं। धान के बोरों से बदबू आ रही है। अनेक बोरे फट चुके हैं। उनमें से पौधे निकल आए हैं। धान के दाने काले पड़ चुके हैं।  जिस मार्कफेड को इस अनाज के रखरखाव की जिम्मेदारी दी थी, उसने इनकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किया। मैदान के चारों तरफ लगाई फेंसिंग भी पूरी तरह से टूट चुकी है। भंडारण में पूरी तरह से लापरवाही बरती गई है। इससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। अब अनाज पूरी तरह सड़ जाने के बाद अधिकारी उसके इमिग्रेशन की बात कर रहे हैं।