दीपक ताम्रकार,मंडला। जिला मुख्यालय और नारायणगंज विकासखंड के मंगलगंज, चिरईडोंगरी, गढार, कोंड्रा, सहजनी, लालपुर, भावल गांवों में फुल्की खाने से करीब 30 बच्चे, बुजुर्ग और युवा फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। सभी को नारायण गंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया गया। कुछ मरीजों की स्थिति ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें जिला अस्पताल मंडला रेफर कर दिया गया। अब तक फूड प्वाइजनिंग के 60 शिकार हुए हैं। मंडला के राधा कृष्णन वार्ड से भी फूड प्वाइजनिंग के मामले सामने आए हैं। कलेक्टर बच्चों और परिजनों का हाल चाल जानने जिला अस्पताल पहुंची और उचित इलाज के निर्देश सीएमएचओ को दिए। कलेक्टर ने जिले में फुल्की चाट पर जांच रिपोर्ट आने तक प्रतिबंध लगा दिया है।

कलेक्टर हर्षिका सिंह के निर्देशा पर फुल्की बेचने वालों की सर्चिंग अभियान चलाया गया। 21 एवं 22 अक्टूबर को फुल्की खाने से बीमार हुए लोगों के बताए अनुसार फुल्की बनाने वालों की सर्चिंग की गई। जिसमें पाया गया कि रिलाइंस पेट्रोल पंप के पीछे 6-7 परिवार रहते हैं जो मूलरूप से जालौन उरई उत्तरप्रदेश के निवासी हैं। ये लोग पूरे जिले में फुल्की, आईस्क्रीम आदि का मौसमी व्यवसाय करते हैं। पूछताछ में मकान मालिक के पास कोई पहचान पत्र भी नहीं मिले।

कल राधाकृष्ण वार्ड में फुल्की बेचने वाले यूनुस मंसूरी पिता जाकिर उम्र 20 वर्ष निवासी जालौन को पकड़ा गया है। खाने वालों ने भी यूनुस की पहचान कर ली है। तत्काल उसे टीम द्वारा थाने लाया गया व अन्य इनके जिले में जितने परिवार वाले बेचने गए हैं उन्हें बुलाया गया। इसी प्रकार चिरईडोंगरी में फुल्की बेचने वाला यूसुब पिता जाकिर हुसैन उम्र 19 वर्ष निवासी मंसूरवाद कर्मन रोड थाना उरई जिला जालौन उत्तरप्रदेश से भी पूछताछ की जा रही है।

यूसुब ने बताया कि खटाई के लिए साईट्रिक एसिड डाला गया है, लोग संभवतः उसी से बीमार हुए हैं। साईट्रिक एसिड में एक्सपायरी तारीख का उल्लेख नहीं होने के कारण उक्त दुकान को सील करने की भी कार्यवाही की गई। सभी फुल्की बनाने वालों की सेम्पलिंग करवाई गई व विभाग द्वारा कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई। यह कार्यवाही राजस्व, फ़ूड एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की गई।

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