BSF first female flight engineer Bhawna Chaudhary: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एयर विंग को अपने 50 साल से अधिक के इतिहास में पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर मिल गई है। यह उपलब्धि एक आंतरिक प्रशिक्षण कैप्सूल के सफल समापन के बाद हासिल हुई है। इंस्पेक्टर भावना चौधरी और चार पुरुष अधीनस्थ अधिकारियों को हाल ही में BSF महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी द्वारा उनके फ्लाइंग बैज प्रदान किए गए। बता दें कि 1969 से, सीमा बल को गृह मंत्रालय (MHA) की विमानन इकाई का संचालन करने का कार्य सौंपा गया है। यह इकाई सभी अर्धसैनिक बलों और NSG, NDRF जैसी विशेष बलों की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करती है। BSF एयर विंग ने सफलतापूर्वक फ्लाइट इंजीनियरों का आंतरिक प्रशिक्षण आयोजित किया।
बाढ़ के दौरान भरी उड़ानें
अगस्त से शुरू हुए दो महीने के आंतरिक प्रशिक्षण के दौरान पांचों कर्मियों को 130 घंटे तक प्रशिक्षित किया गया और उन्हें काम का वास्तविक अनुभव भी मिला क्योंकि बीएसएफ वायु शाखा की विभिन्न इकाइयों ने पंजाब और अन्य राज्यों में हाल में आई बाढ़ के दौरान भी परिचालन उड़ानें भरीं।
दूसरे बैच को नहीं मिल सकी ट्रेनिंग
बीएसएफ वायु सेना को अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टर बेड़े में फ्लाइट इंजीनियरों की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक अधिकारी ने कहा, ”वायु सेना (आईएएफ) ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों के पहले बैच को प्रशिक्षित किया, लेकिन पांच कर्मियों के दूसरे बैच को विभिन्न बाधाओं के कारण वहां प्रशिक्षण नहीं मिल सका।”
बीएसएफ को मिली पहली महिला इंजीनियर
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद बीएसएफ ने अपनी वायु शाखा के लिए फ्लाइट इंजीनियरों को तैयार करने के वास्ते आंतरिक प्रशिक्षण आयोजित करने की अनुमति पाने के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क किया और इंस्पेक्टर चौधरी सहित पांच कर्मियों ने हाल में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर चौधरी बीएसएफ वायु शाखा की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।
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